लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अलीगंज में 1994 में हुए गोपाल मिश्रा के फर्जी एनकाउंटर मामले में निचली अदालत से उम्रकैद की सजा पाए लखनऊ में भाजपा के डिप्टी मेयर अभय सेठ को मंगलवार को जमानत दे दी। यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी एवं जस्टिस महेंद्र दयाल की बेंच ने सेठ की अपील पर पारित किया। सेठ की ओर से दलील दी गई थी कि सत्र अदालत ने बिना किसी ठेस सुबूत के ही उसे दोषी मान लिया था, जबकि वह निर्दोष हैं।
दरअसल, अपर सत्र न्यायाधीश ने गत 29 जून को लखनऊ में भाजपा के डिप्टी मेयर अभय सेठ, अलीगंज व्यापार मंडल के तत्कालीन महामंत्री अशोक मिश्र सहित दो पुलिस कर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी। कोर्ट ने सभी चारों मुल्जिमों पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
26 फरवरी, 1994 की दोपहर एक बजे केंद्रीय सेवा से रिटायर एक कर्मचारी सद्गुरुशरण मिश्रा के इकलौते पुत्र गोपाल मिश्रा को अलीगंज के चौधरी टोला इलाके में पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था। 11 दिसंबर, 1997 को तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश से इस वारदात की एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू हुई।
जांच सीबीसीआइडी को सौंपी गई, जिसमें पुलिस की मुठभेड़ को फर्जी करार दिया व उसे सुनियोजित हत्या का मामला पाया गया। 27 सितंबर, 2003 को सीबीसीआइडी ने इन सभी मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। साथ ही फर्जी मुठभेड़ मामले में दर्ज एफआइआर में अंतिम रिपोर्ट भी दाखिल की।