Friday , November 22 2024

अटल जी नहीं रहे, स्तब्ध हूं, शून्य में हूं- प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) अब इस दुनिया में नहीं रहे. नई दिल्ली के एम्स में लंबे इलाज के दौरान 93 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. वाजपेयी के निधन की खबर के साथ ही पूरे देश में शोक की लहर है. उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई शीर्ष नेताओं ने दुख जताया.

वाजपेयी के निधन की खबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर कहा कि उनकी प्रेरणा, मार्गदर्शन हर भारतीय को, हर बीजेपी कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा.

Narendra Modi

@narendramodi

मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है।

हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।

Narendra Modi

@narendramodi

अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति !

President of India

@rashtrapatibhvn

पूर्व प्रधानमंत्री व भारतीय राजनीति की महान विभूति श्री अटल बिहारी वाजपेयी के
देहावसान से मुझे बहुत दुख हुआ है। विलक्षण नेतृत्व, दूरदर्शिता तथा अद्भुत भाषण उन्हें
एक विशाल व्यक्तित्व प्रदान करते थे।उनका विराट व स्नेहिल व्यक्तित्व हमारी स्मृतियों में बसा रहेगा—राष्ट्रपति कोविन्द

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने एम्स पहुंच उनका हाल जाना था. भारतीय जनता पार्टी ने देश में अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है.

बड़े अपडेट्स –

बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और 2009 से ही व्हीलचेयर पर थे. कुछ समय पहले भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था.

अटल बिहारी वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. वो बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता थे. 25 दिसंबर, 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About admin