इस्लामाबाद। इमरान खान ने मनी लॉन्ड्रिंग या धनशोधन की समस्या से निपटने के लिए ब्रिटेन से सहयोग मांगा है. खान ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिजा मे के साथ बातचीत में उनसे इस समस्या से निपटने में सहयोग मांगा. पाकिस्तानी मीडिया की रपटों में यह जानकारी दी गई है. इससे एक दिन पहले खान ने कहा था कि वह देश को ‘लूटने’ वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
खान का ब्रिटेन से यह आग्रह इस दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जाता है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके रिश्तेदार भ्रष्टाचार के एक मामले में इस समय जेल में हैं. उनके खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वतखोरी के कई अन्य मामले भी हैं. ‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार कल पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री मे ने बधाई देने के लिए खान को फोन किया था.
मे ने खान के साथ बातचीत में कहा कि उनका सरकार पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को और सुधारने को प्रतिबद्ध है. मे ने खान से कहा, ‘‘हम पाकिस्तान के साथ भागीदारी के नए रास्ते खोलने को तैयार हैं.’’
दरअसल, शुक्रवार को पाकिस्तानी संसद में अपने पहले संबोधन में इमरान ने ‘‘पाकिस्तान को लूटने वालों’’ के खिलाफ कार्रवाई का इरादा जाहिर किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज अपने वतन से वादा करता हूं कि हम वह तब्दीली लाएंगे जिसके लिए यह मुल्क लंबे समय से कोशिश करता रहा है.’’ इमरान ने कहा, ‘‘हमें इस देश में सख्त जवाबदेही कायम करनी है. मैं वादा करता हूं कि मैं पाकिस्तान को लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा. जिस काले धन को सफेद किया गया, मैं उसे वापस लाऊंगा. जो पैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी पर खर्च होने चाहिए थे, वे लोगों की जेब में चले गए.’’