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दिल्ली की मोस्ट वांटेड ‘मम्मी’ गिरफ्तार, 113 केस में आरोपी

नई दिल्ली। 113 अपराध के मामलों में वांटेड लेडी गैंगस्टर को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी दिल्ली की पांच खूंखार महिला अपराधियों में से एक थी. पुलिस के हत्थे चढ़ी 62 वर्षीय बसीरन को उसकी गैंग के सदस्य ‘मम्मी’ के नाम से बुलाते थे.

राजस्थान की रहने वाली बसीरन 45 साल पहले दक्षिण दिल्ली आई थी और झुग्गी-झोपड़ियों में अवैध शराब बेचती थी. उसने छोटे-मोटे अपराधों से शुरुआत की और अपराध की दुनिया में जल्द ही मशहूर हो गई.

डिप्टी पुलिस कमिश्नर रोमिल बानिया ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर बसीरन को गिरफ्तार किया गया, जब वह अपने परिवार से मिलने वहां आई थी. वह एक मामले में पिछले आठ महीनों से फरार थी. उसे कोर्ट द्वारा 25 मई को कुख्यात अपराधी घोषित किया गया और कानूनन उसकी आवासीय संपत्तियों की कुर्की कर ली गई.

डीसीपी के मुताबिक, बसीरन ने पुलिस को बताया कि उसने और उसके गैंग के सदस्यों आकाश और विकास ने यूपी के मिराज की हत्या की सुपारी ली थी. ये सुपारी उसकी सौतेली बहन मुन्नी बेगम ने 60 हजार रुपये में दी थी.

मुन्नी ही मिराज को बसीरन के संगम विहार स्थित घर पर सितंबर 2017 को लेकर आई थी. उसके बाद आकाश, विकास, नीरज और एक युवक ने मिराज को शराब के नशे में जंगल ले जाकर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी और बाद में शव को जला दिया.

वारदात के एक हफ्ते बाद किसी ने शव के अवशेष जंगल में देखे जाने की सूचना पुलिस दी. पुलिस ने उसके बाद आरोपियों में से एक युवक की गिरफ्तारी की, जिसने वारदात में शामिल अन्य लोगों की जानकारी दी. पुलिस ने बाकी सभी अपराधियों को इस साल जनवरी में गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बसीरन तभी से फरार थी.

बसीरन के आठों बेटे भी उसके साथ नृशंस अपराधों में शामिल थे. जिसमें हत्या, ठेके पर हत्या, डकैती, शराब की तस्करी से लेकर छीना-झपटी तक के मामले शामिल हैं.

पुलिस अफसर ने बताया कि इस महिला का संगम विहार के कुछ सरकारी बोरबेल्स पर भी कब्जा था और वह अपने दो बेटों के साथ मिलकर पानी माफिया का अवैध कारोबार भी चलाती थी. उसमें से एक को मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम 1999) के तहत गिरफ्तार किया गया था.

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