हासन (कर्नाटक)। बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस+जेडीएस की जैसे-जैसे बनी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता सिद्धारमैया ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की है. हासन की एक जनसभा में सिद्धारमैया ने कहा, ‘जनता के आशीर्वाद से मैं एक बार फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बनूंगा.’ उन्होंने कहा कि उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए विपक्ष ने आपस में हाथ मिला लिया और बड़े पैमाने पर जाति कार्ड और धन बल का सहारा लिया गया.
सिद्धारमैया ने कहा, ‘मैंने सोचा था कि लोग मुझे एक बार फिर आशीर्वाद देंगे और मुझे मुख्यमंत्री बनाएंगे. दुर्भाग्यवश, मैं हार गया, लेकिन यह अंत नहीं है. राजनीति में जीत और हार आम हैं.”
मालूम हो कि कर्नाटक इकलौता बड़ा राज्य है जहां कांग्रेस सत्ता में है. इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में यहां किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी 104 विधायकों के साथ नंबर एक पार्टी बनी थी. हालांकि बीएस येदियुरप्पा विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाए थे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद कांग्रेस ने बिना शर्त जेडीएस को समर्थन देने का फैसला किया था, जिसके बाद जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने और उन्हीं की अगुवाई में सरकार का गठन हुआ. कांग्रेस के पास 78 और जेडीएस के 37 विधायक हैं.
कांग्रेस+जेडीएस गठबंधन की सरकार को बने हुए अभी कुछ ही महीने हुए हैं कि दोनों दलों की ओर से बयानबाजी शुरू हो चुके हैं. खुद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कह चुके हैं कि उन्हें जनता ने नहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाया है.
अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया के ताजा बयान से साफ संकेत मिल रहे हैं कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. गौर करने वाली बात यह है कि सरकार बनने के बाद राज्य में हुए उपचुनावों में भी दोनों दलों ने एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे. इसके अलावा जेडीएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी कह चुके हैं कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतर सकती है.