Friday , May 17 2024

BJP का राहुल गांधी पर पलटवार, ‘कांग्रेस अध्यक्ष माओवादियों से सहानुभूति रखने वालों का समर्थन कर रहे हैं’

नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ता, वकील समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी पर जहां कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर है. वहीं बीजेपी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला बताते हुए कहा कि देश राजनीति से ऊपर होना चाहिए. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजेपी नेता किरण रिजिजू ने कहा, ”पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने माओवादियों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था. लेकिन आज राहुल गांधी माओवादियों से सहानुभूति रखने वालों का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं. राजनीति से ऊपर राष्ट्र की सुरक्षा है.”

Kiren Rijiju

@KirenRijiju

As Prime Minister Dr Manmohan Singh had declared that Maoists are No.1 threat to India’s internal security. Now the Congress president openly supports the front organisations & sympathisers of the
Maoists.
Keep national security above politics

 

वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी तथ्यों से अलग बात करते हैं. किसने इमरजेंसी लगाया? जुबान बंद कर दी गई थी. एनडीए को लोकतंत्र पर विश्वास है. लेकिन अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

दरअसल, कल राहुल गांधी ने वरवर राव, वेर्नोन गोंजाल्वेज, अरुण परेरा, सुधा भारद्वाज और गौतम नौलखा की गिरफ्तारी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘‘भारत में अब सिर्फ एकमात्र एनजीओ के लिए जगह है और वह आरएसएस है. दूसरे सभी एनजीओ को बंद कर दो. सभी कार्यकर्ताओं को जेल भेज दो और शिकायत करने वालों को गोली मार दो. न्यू इंडिया में स्वागत है.’’

Rahul Gandhi

@RahulGandhi

There is only place for one NGO in India and it’s called the RSS. Shut down all other NGOs. Jail all activists and shoot those that complain.

Welcome to the new India.

कांग्रेस, सीपीआईएम और अन्य दलों समेत एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल. रामदास, पूर्व नौकरशाह हर्ष मंदर, जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष शहला राशिद शोरा, पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुर, गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी, मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और स्वामी अग्निवेश ने गिरफ्तारी का विरोध किया है. इन लोगों ने कहा कि ये गिरफ्तारियां वंचितों के हक की लड़ाई लड़ने वालों में आतंक पैदा करने के लिए की गईं हैं.

वहीं पुलिस का कहना है कि वरवर राव, वेर्नोन गोंजाल्वेज, अरुण परेरा, सुधा भारद्वाज और गौतम नौलखा भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल थे. इन्हीं लोगों ने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में यलगार परिषद का आयोजन किया था. अगले दिन एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा में जातीय दंगे भड़क गए थे, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी. इसके बाद प्रकाश आंबेडकर की अध्यक्षता वाले भारिप-बहुजन महासंघ द्वारा तीन जनवरी को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया था.

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई दोपहर बाद 3.45 बजे की जाएगी. प्रसिद्ध इतिहासकार रोमिला थापर और कार्यकर्ता माजा दारुवाला ने याचिका दाखिल की है. वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र पुलिस को नोटिस भेजा है.

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