लखनऊ। अपने छोटे भाई शिवपाल यादव द्वारा समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाये जाने को लेकर समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव सपा मुख्यालय पहुंचे लेकिन अपने भाई द्वारा बनाये गये मोर्चे के मुददे पर सवालों के जवाब देने से बचते रहे. मुलायम सिंह से जब पत्रकारों ने उनके भाई द्वारा मोर्चा बनाये जाने के मुद्दे पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां समाजवादी नेता दर्शन सिंह यादव की श्रद्धांजलि में भाग लेने आया हूं.’’ गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी (सपा) में हाशिये पर चल रहे शिवपाल ने बुधवार (29 अगस्त) को आखिरकार अपनी राहें अलग करने के संकेत देते हुए ‘समाजवादी सेक्युलर मोर्चा‘ के गठन का औपचारिक ऐलान किया था.
बता दें कि समाजवादी पार्टी में अवहेलना होने का आरोप लगाते हुए पार्टी नेता शिवपाल सिंह यादव ने ‘समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा’ के गठन का ऐलान किया और कहा कि वह इस मोर्चे के तहत छोटी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे. सपा मुखिया अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा का गठन किया है. समाजवादी पार्टी में मेरी अवहेलना हो रही थी और मैंने दो साल इंतजार किया. पार्टी के कार्यक्रमों के बारे में ना तो मुझे सूचना दी गयी और ना ही कोई आमंत्रण. मुझे कोई जिम्मेदारी भी नहीं दी गयी.’
उन्होंने कहा, ‘सपा में कई ऐसे कार्यकर्ता हैं, जिनकी अवहेलना की गयी है. उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी और हम उनसे अपने मोर्चे को मजबूत करने के लिए कहेंगे. मोर्चे के तहत छोटी पार्टियों को भी एकजुट करने का प्रयास करेंगे.’ यह पूछने पर कि क्या मोर्चा 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ेगा, शिवपाल ने कोई जवाब नहीं दिया.
जब सवाल किया गया कि क्या सपा संस्थापक और उनके भाई मुलायम सिंह यादव भी मोर्चा में शामिल होंगे, तो शिवपाल ने कहा कि हम उन्हें उचित सम्मान देंगे और अन्य लोगों से भी ऐसा ही करने को कहेंगे. शिवपाल ने कहा, ‘मैंने इतना लंबा इंतजार इसलिए किया क्योंकि सपा को एकजुट रखना चाहता था. हम अब गांवों और जिलों में जाएंगे और अपने मोर्चा को मजबूत करने के लिए काम करेंगे.’ उन्होंने इन अफवाहों का खंडन किया कि वह भाजपा या किसी अन्य दल में शामिल होने जा रहे हैं.
मंगलवार की रात सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शिवपाल से मुलाकात की थी लेकिन दोनों नेताओं ने कहा कि यह मुलाकात व्यक्तिगत थी न कि राजनीतिक. उल्लेखनीय है कि सपा से निष्कासित अमर सिंह ने 29 अगस्त को दावा किया था कि उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ शिवपाल की बैठक तय करायी थी लेकिन बैठक नहीं हो पायी क्योंकि शिवपाल आये ही नहीं.