लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब प्राइवेट स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी. योगी सरकार ने फीस को लेकर मनमानी करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए विधानसभा में गुरुवार को एक विधेयक पारित किया. उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र स्कूल (फीस नियमन) विधेयक 2018 को सदन ने ध्वनिमत से पारित किया. विधेयक में राज्य के प्राइवेट स्कूलों के फीस ढांचे के नियम का प्रावधान है. विधेयक अप्रैल में लाये गये अध्यादेश की जगह लेगा.
इस विधेयक के उद्देश्य एवं कारणों में कहा गया है कि राज्य सरकार के संज्ञान में लाया गया था कि प्राइवेट स्कूल छात्र-छात्राओं के माता पिता से सलाह किये बिना मनमाना फीस बढ़ा रहे हैं. विधेयक जिला नियामक समितियों के गठन का प्रावाधान करता है. समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली होगी.
समिति में एक चार्टर्ड एकाउण्टेंट, एक पीडब्ल्यूडी इंजीनियर (अधिशासी अभियंता से नीचे स्तर का नहीं) और उत्तर प्रदेश राज्य वित्त एवं लेखा सेवाओं से एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होगा. इस समिति में अभिभावक एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि, स्ववित्तपोषित स्कूल का प्रधानाचार्य या प्रबंधक और जिले का स्कूल इंस्पेक्टर भी शामिल होगा.
आपको बता दें कि प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ पूरे यूपी में आवाज उठ रही थी. बीजेपी ने चुनाव के दौरान स्कूलों की मनमानी रोकने का वादा भी किया था. प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए योगी सरकार की तरफ से लिए गए फैसले की जानकारी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी थी.