उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था की स्थिति बेकार है व मोदी गवर्नमेंट ने चुप्पी साध रखी है. गंभीर आर्थिक संकट का समाधान तो दूर की बात है, यह गवर्नमेंट इसे स्वीकारने को भी तैयार नहीं है. यह संकट विफल ‘मोदीनॉमिक्स’ (मोदी का अर्थशास्त्र) का परिणाम है.’’
सुरजेवाला ने घरेलू इस्पात कंपनियों को सस्ते आयात से बचाने के लिए उठाए गए कदम को लेकर भी गवर्नमेंट पर निशाना साधा. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या पीएम कार्यालय, वित्त मंत्रालय व इस्पात मंत्रालय बताएंगे कि आम इस्पात उपयोगकर्ताओं की मूल्य पर कितने का मुनाफा कमाया गया है?
सुरजेवाला ने जिस समाचार को शेयर किया उसमें बोला गया है कि गवर्नमेंट ने घरेलू इस्पात कंपनियों को सस्ते आयात से बचाने के लिए शुल्क इत्यादि को बढ़ाया है. लेकिन इससे घरेलू स्तर पर बड़े पैमाने में इस्पात की खरीद करने वाली कई कंपनियों की लागत बढ़ गई है. इससे उनके ऊपर दबाव बढ़ा है. ऐसे में गवर्नमेंट ने इस्पात कंपनियों को चेतावनी दी है कि वह ‘मुनाफाखोरी’ में लिप्त ना हों वरना वह बड़ी कंपनियों को बाहर से सस्ता इस्पात आयात करने की अनुमति दे देगी.
अब मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 71.27 के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गया है. वहीं पेट्रोल व डीजल की कीमतों में भी लगातार दसवें दिन बढ़ोतरी हुई. सभी मेट्रो सिटीज के मुकाबले मुंबई में पेट्रोल व डीजल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं. मुंबई में पेट्रोल की मूल्य 86.72 रुपये प्रति लीटर व डीजल की मूल्य 75.74 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है.
यह एक चिंता का विषय बन चुका है. रुपये के गिरने का सीधा प्रभाव सेंसेक्स व निफटी पर भी पड़ा है. मंगलवार को भी सेंसेक्स व निफ्टी में गिरावट जारी रही. सोमवार को तेजी से आरंभके बाद मार्केट भारी गिरावट के साथ बंद हुआ था. सोमवार को सेंसेक्स 332.55 अंक गिकरकर 38,312.52 पर पहुंच गया था. जो कि मंगलवार को 38,226.81 पर आ गया. वहीं निफ्टी सोमवार को 98 अंक गिरकर 11582 पर बंद हुआ व मंगलवार को 11,545.75 पर बंद हुआ.
वहीं केंद्र गवर्नमेंट भी प्राकृतिक गैस के दामों में बढ़ोतरी करने जा रही है. इससे पहले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की गिरावट के साथ 70.95 के स्तर पर खुला था.गुरुवार को महीने के अंत में डॉलर की डिमांड व क्रूड तेल की कीमतें बढ़ने से रुपया 15 पैसे टूटकर 70.74 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था. बता दें कि इस वर्ष रुपया अब तक लगभग 10 प्रतिशत से ज्यादा टूट चुका है. जानकारों का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों में रुपया डॉलर के मुकाबले निर्बल होकर 72 का स्तर छू सकता है, जिससे क्रूड खरीदना वमहंगा होगा.