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बेल पर छूटा अजमेर धमाके का दोषी, हीरो की तरह लोगों ने किया स्वागत

नई दिल्ली। 2007 अजमेर धमाके के दो दोषियों को जमानत मिली है. इनमें से एक भरूच का तो दूसरा अजमेर का रहने वाला है. जमानत मिलने के बाद घर पहुंचने पर इनका भव्य स्वागत किया गया. स्थानीय लोगों ने फूल मालाएं पहनाईं, तो कुछ लोगों ने स्वागत में कंधे पर बिठाकर घुमाया. दोषियों में एक शख्स की आवभगत करने वालों में बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी भी शामिल थे.

भरूच के भावेश पटेल (40) और अजमेर के देवेंद्र गुप्ता (42) को 2007 अजमेर धमाका मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली है. साल 2017 में जयपुर की एक अदालत ने इन दोनों अभियुक्तों के खिलाफ सजा सुनाई.

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, पिछले हफ्ते राजस्थान हाईकोर्ट ने इन दोनों को जमानत दी है. अभियु्क्तों के वकील ने हाईकोर्ट में यह दलील दी कि उनके मुवक्किल को ‘मानवीय संभावनाओं, आकस्मिक सबूतों और अटकलबाजी’ के आधार पर सजा सुनाई गई है.

अजमेर दरगाह धमाके में तीन लोग मारे गए थे जबकि 15 लोग जख्मी हुए थे. पटेल अपने भाई हितेश और कुछ अन्य लोगों के साथ जमानती प्रक्रिया के लिए जयपुर गया था. जमानत मिलने के बाद वह भरूच लौट गया लेकिन भरूच स्टेशन पर पहुंचते ही लोगों का एक बड़ा हुजूम उसके स्वागत में खड़ा मिला. भगवा कपड़ा पहनने वाले और खुद को स्वामी मुक्तानंद बताने वाले पटेल की मेहमाननवाजी में स्थानीय लोगों ने बड़ी रैली निकाली. यह रैली डांडियाबाजार स्थित स्वामीनारायण मंदिर से चलकर पटेल के घर तक पहुंची. पटेल का घर हाथीखाना इलाके में पड़ता है.

लोगों ने पटेल को कंधे पर बिठा रखा था जबकि कुछ लोग गुलाब की पंखुड़ियां की बौछार कर रहे थे. कहीं पटाखे फोड़े जा रहे थे, तो कहीं डीजे बजाकर पटेल का स्वागत किया गया. यह सिलसिला पटेल के घर तक चला जहां उसके माता-पिता बेसब्री से उसका इंतजार कर रहे थे.

स्वागत जुलूस में बीजेपी की सुरभीबेन तमाकूवाला, पार्षद मारुतिसिंह अतोदरिया, वीएचपी के विराल देसाई और स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता शामिल थे. भावेश पटेल और देवेंद्र गुप्ता पूर्व में आरएसएस के कार्यकर्ता रह चुके हैं.

जुलूस के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में तमाकूवाला ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, मुझे व्हाट्सएप ग्रुप पर इस बात की जानकारी मिली थी, इसलिए मैं वहां गई. मैं भावेश पटेल को नहीं जानती और इस बारे में ज्यादा बात भी नहीं करना चाहती.

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