लंदन (इंग्लैंड)। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन पर भारत के खिलाफ पांचवें और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन के खेल के दौरान अंपायर के फैसले का विरोध करने पर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है.
आईसीसी के बयान के अनुसार जुर्माने के अलावा इस तेज गेंदबाज के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक भी जोड़ा गया. सितंबर 2016 में संशोधित आचार संहित लागू होने के बाद यह एंडरसन का पहला अपराध है.
यह घटना भारतीय पारी के 29वें ओवर में हुई जब भारतीय कप्तान विराट कोहली के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की असफल अपील पर डीआरएस के बाद उन्हें अंपायर कुमार धर्मसेना से अपनी कैप छीनते हुए और आक्रामक तरीके से बात करते हुए देखा गया.
इसके अलावा मैच में एंडरसन ने विराट को स्लेजिंग के जरिए परेशान करने की कोशिश की. एंडरसन ने इसके बाद विराट को कुछ कहा. अगली गेंद पर एंडरसन दिशा से भटके और विराट ने चौका जड़ डाला.
ओवर खत्म होने के बाद एंडरसन गुस्से में नजर आए और अंपायर से कहा कि आपको आउट दे देना चाहिए था. धर्मसेना को एंडरसन की ये बात बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने कप्तान जो रूट को बुलाया. इन सबके बाद एंडरसन शांत हुए, लेकिन उनकी इस हरकत ने क्रिकेट को शर्मसार किया है.
एंडरसन को खिलाड़ियों और खिलाड़ियों को सहयोगी स्टाफ से जुड़ी आईसीसी आचार संहिता के नियम 2.1.5 के उल्लंघन का दोषी पाया गया जो अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फैसले के प्रति विरोध जताने से जुड़ा है.
इंग्लैंड के इस तेज गेंदबाज ने अपराध और आईसीसी मैच रैफरी एंडी पाइक्राफ्ट द्वारा दी सजा को स्वीकार कर लिया है. यह आरोप मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना और जोएल विल्सन, तीसरे अंपायर ब्रूस आक्सेनफोर्ड और चौथे अंपायर टिम रोबिनसन से लगाए थे.
लेवल एक के अपराध में न्यूनतम सजा आधिकारिक फटकार जबकि अधिकतम सजा खिलाड़ी की मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना है. इसके अलावा एक या दो डिमेरिट अंक भी दिए जाते हैं.