अहमदाबाद। आरक्षण की मांग को लेकर 19 दिनों से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे हार्दिक पटेल ने अपना उपवास खत्म कर दिया. पाटीदारों के लिये आरक्षण और कृषि कर्ज माफी की मांग को लेकर गुजरात सरकार और पटेल के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.
बुधवार को हार्दिक पटेल ने ट्वीट करके कहा, ‘किसानों एवं समाज की कुलदेवी श्री उमिया माताजी मंदिर-उंझा और श्री खोड़ल माताजी मंदिर-क़ागवड के प्रमुख लोगों ने मुझे कहा कि तुम्हें ज़िंदा रहकर लड़ाई लड़नी हैं.सब का सम्मान करते हुए अनिश्चितकालिन उपवास आंदोलन के आज उन्नीसवें दिन दोपहर तीन बजे उपवास आंदोलन ख़त्म करूंगा.’
किसानों एवं समाज की कुलदेवी श्री उमिया माताजी मंदिर-उंझा और श्री खोड़ल माताजी मंदिर-क़ागवड के प्रमुख लोगों ने मुझे कहा कि तुम्हें ज़िंदा रहकर लड़ाई लड़नी हैं.सब का सम्मान करते हुए अनिश्चितकालिन उपवास आंदोलन के आज उन्नीसवें दिन दोपहर तीन बजे उपवास आंदोलन ख़त्म करूँगा
— Hardik Patel (@HardikPatel_) September 12, 2018
पाटीदार समुदाय के नेताओं नरेश पटेल और सी के पटेल के हाथों नींबू पानी पीकर हार्दिक ने अपना उपवास खत्म किया. उपवास खत्म करने के बाद आरक्षण समर्थक नेता ने कहा,‘अपने समुदाय के लिये आरक्षण और कृषि कर्ज माफी के लिये लड़ाई जारी रहेगी.’
हार्दिक ने 25 अगस्त को यहां स्थित अपने आवास पर पाटीदारों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण और गुजरात के किसानों का कृषि कर्ज माफ करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी.
बाद में इसमें उनके सहयोगी अल्पेश कठेरिया को रिहा करने की मांग भी जोड़ दी गई, जिसे राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बीते शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने के बाद 25 वर्षीय हार्दिक पटेल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में दो दिन रहने के बाद वह अपने घर लौट आए थे और उन्होंने अपनी भूख हड़ताल जारी रखी थी.