पणजी। गोवा के कांग्रेस विधायक मनोहर पर्रिकर सरकार बर्खास्त करने और वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए दावेदारी पेश करने की इजाजत देने की मांग को लेकर मंगलवार शाम को राज्यपाल मृदुला सिन्हा मिले. सदन में बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाने की मांग की. राज्यपाल से मुलाकात के दौरान कांग्रेस के 14 विधायकों ने कहा कि वह पर्रिकर सरकार को बर्खास्त करें और उनकी पार्टी को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करें.
बता दें कि 40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 16 विधायक हैं. सभी 16 विधायकों ने राज्यपाल को उनकी अनुपस्थिति में सोमवार को एक ज्ञापन सौंपा था. इसमें उन्होंने आग्रह किया था कि वह विधानसभा भंग नहीं करें, बल्कि वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी को आमंत्रित करें. कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने पीटीआई को बताया कि राज्यपाल राज्य से बाहर थीं और मंगलवार को दोपहर तीन बजे के बाद लौटी हैं.
कांग्रेस के विधायक सोमवार को राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. इसके बाद कांग्रेस नेता राजभवन में एक पत्र छोड़कर चले आए जिसमें उन्होंने राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए मौका देने की मांग की है.
गोवा कांग्रेस के प्रमुख चंद्रकांत कावलेकर ने सोमवार को कहा था, ‘हमने राज्यपाल को दो ज्ञापन सौंपे हैं और उनसे अनुरोध किया है कि 18 महीने के भीतर ही चुनाव से गुजरने की स्थिति फिर पैदा नहीं होनी चाहिए. जनता ने हमें पांच साल के लिए चुना है. अगर मौजूदा सरकार कार्य करने में सक्षम नहीं है तो हमें सरकार गठन का मौका दिया जाए.’
गौरतलब है कि पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे हैं. पर्रिकर 6 सितंबर को ही अमेरिका से इलाज कराकर भारत लौटे हैं. वहां करीब एक हफ्ते तक उनका इलाज चला था. इससे पहले मुख्यमंत्री पर्रिकर ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से अनुरोध करते हुए कहा था कि राज्य के नेतृत्व के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए.
गोवा विधानसभा का समीकरण
चालीस सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में बीजेपी के पास अभी 14 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 16 विधायक हैं. बीजेपी को महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के 3, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के 3 के साथ तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. कांग्रेस और एनसीपी के पास 17 विधायक हैं. ऐसे में राज्य में दोनों पार्टियों (एमजीपी व जीएफपी) और निर्दलीय विधायक की भूमिका काफी अहम है.