नई दिल्ली। भारत के जेम्स बांड कहे जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ईरान में आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय रणनीति तैयार करने के लिए आयोजित बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में अफगानिस्तान, चीन, ईरान और रूस के उच्च स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक में सभी एक्सपर्ट ने मिलकर इस्लामिक स्टेट (आईएस) समेत अन्य आतंकी संगठनों के खतरे से निपटने के लिए रणनीति पर विचार किया. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी करके बताया कि बैठक में डोभाल ने सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ, उनको वित्तीय मदद और हथियारों की आपूर्ति रोकने का मुद्दा उठाया.
डोभाल ने आतंकवाद का पोषण करने वालों व उनके समर्थकों को भी अलग-थलग करने के तरीकों पर विचार किया. उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि अच्छे और बुरे आतंकवाद का फर्क किया जाना भी बंद होना चाहिए. इस समस्या से निपटने के लिए क्षेत्र के प्रमुख देशों को आपसी सहयोग बढ़ाना होगा.
बैठक में इन सभी देशों के अफसरों ने आपस में आतंकवाद के खिलाफ विचारों का आदान-प्रदान किया. बैठक में आईएस समेत सभी आतंकी संगठनों से मुकाबले पर रणनीति बनाने की बात हुई. ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के साथ ही सुरक्षा और स्थिरता भी मिले. इस यात्र के दौरान एनएसए डोभाल ने आतंकवाद के मुद्दे पर ईरान, रूस और अफगानिस्तान के प्रतिपक्षियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की.
ईरान में आतंकवादी हमले की निंदा की
बैठक में ईरान में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई. हाल ही में ईरान के अहवाज शहर में सैन्य परेड के दौरान हुए आतंकवादी हमले में 25 लोगों की मौत हो गई थी. बैठक में मौजूद लोगों ने मृतकों के परिजनों और ईरानी सरकार के प्रति संवेदना और दुख व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
बैठक में मौजूद सदस्यों ने इस निंदनीय काम के लिए जिम्मेदार अपराधियों, योजना बनाने वालों, वित्त पोषण करने वालों और इसमें सहयोग करने वालों पर शिकंजा कसने की जरूरतों और पीड़ितों को न्याय दिलाने पर जोर दिया. सभी देशों और सभी संबंधित विभागों से ईरान की सरकार का सहयोग करने का आग्रह किया.