Friday , May 17 2024

व्यभिचार-समलैंगिकता अपराध नहीं, तो तीन तलाक कैसे- ओवैसी

नई दिल्ली। व्यभिचार कानून पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ी टिप्पणी की. ओवैसी ने कहा, पहले धारा 377 और अब धारा 497 को गैर-आपराधिक घोषित कर दिया गया लेकिन तीन तलाक कानून में दंड का प्रावधान है. ओवैसी ने कहा, क्या इंसाफ है मित्रों आपका, अब बीजेपी क्या करेगी.

Asaduddin Owaisi@asadowaisi

The Supreme Court didn’t say Triple Talaaq is Unconstitutional but “set it aside “but Apex Court has said 377 & 497 is Unconstitutional will Modi Government learn from these judgments and take back their Unconstitutional Ordinance on Triple Talaaq

ओवैसी ने तीन तलाक मसले पर कहा, तीन तलाक को अपराध मानना गलत है क्योंकि इस्लाम में निकाह एक करार है. हमारा समाज पितृसत्तात्मक है, फिर महिलाओं की मदद कौन करेगा. जब पति जेल में हो, तो पत्नी उसका इंतजार क्यों करे. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को कभी अवैध नहीं ठहराया.

ANI

@ANI

My opinion is that Triple Talaq ordinance should be challenged in Court because it’s a fraud. In first page of the ordinance,govt says that Supreme Court has termed it unconstitutional but SC didn’t say any such thing rather it had just set it aside: Asaduddin Owaisi

ओवैसी ने कहा है कि यह तीन तलाक का अध्यादेश पूरी तरह मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है. यहां तक कि ओवैसी ने मोदी सरकार के इस फैसले को समानता के मूलभूत अधिकार के खिलाफ बताया. मोदी कैबिनेट की ओर से लाए गए अध्यादेश का विरोध करने के साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस्लाम के तहत शादी एक सिविल कॉन्ट्रैक्ट है और उसमें आपराधिक प्रावधान लागू करना बिल्कुल गलत है. ओवैसी ने मांग की है कि सरकार तीन तलाक कानून का आपराधिकरण करने के बजाय उन 24 लाख शादी-शुदा महिलाओं के लिए कानून लाए, जिन्हें बिना तलाक दिए उनके पति छोड़ चुके हैं.
साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch