नई दिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि ‘#मी टू’ कैंपेन भारत में भी शुरू हो गया है और इससे महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला है. ‘#मी टू’ कैंपेन’ का उल्लेख करते हुए मेनका ने कहा, ‘‘मैं आशा करती हूं कि कैंपेन नियंत्रण से बाहर नहीं चला जाए. हम उन लोगों को निशाना बनाएं जिनसे हमें परेशानी हुई हो. लेकिन मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न को लेकर महिलाएं आक्रोशित हैं.’’
महिला विकास मंत्री ने कहा, ‘‘जिसने उत्पीड़न किया है, उसे पीड़िता कभी नहीं भूल सकती. हमने कानून मंत्रालय को लिखा है कि किसी आयु सीमा के बगैर लोगों को शिकायत करने की अनुमति होनी चाहिए.’’
10-15 साल बाद भी शिकायत कर सकेंगे
महिला और बाल विकास मंत्री ने कानून मंत्रालय से कहा है कि बाल यौन उत्पीड़न के लिए तय आयुसीमा हटाई जाए ताकि ‘10-15 साल बाद’ भी लोग ऐसे मामलों की शिकायत कर सकें.
आईपीसी की धारा 468 के तहत बाल यौन उत्पीड़न की घटना की सूचना तीन साल के अंदर देना अनिवार्य है. हालांकि दंड प्रक्रिया की धारा 473 के अनुसार, न्याय के हित में अदालत किसी पुराने मामले का भी संज्ञान ले सकती है.
दरअसल, मौजूदा कानूनी प्रावधानों के तहत बालिग यानी 18 साल के होने पर बाल यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराना कठिन हो जाता है. अब उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि कोई भी पीड़ित यौन उत्पीड़न की शिकायत घटना के ‘10-15 साल’ बाद भी कर सकता है.
बता दें कि तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर विवाद के बाद देश में इन दिनों ‘मी टू’ कैंपेन ने जोर पकड़ लिया है. महिलाएं अपने यौन शोषण को लेकर सोशल मीडिया पर पीड़ा व्यक्त कर रही हैं और आरोपियों के नाम सामने ला रही हैं. नाना पाटेकर के बाद डायरेक्टर विकास बहल, सिंगर कैलाश खेर, राइटर चेतन भगत और एक्टर रजत कपूर पर इस तरह के आरोप लगे हैं.