हैदराबाद। वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के भारत दौरे की टेस्ट सीरीज खत्म हो चुकी है. इस सीरीज में टीम इंडिया ने दोनों मैचों में क्लीन स्वीप करते हुए मेहमान टीम को तीसरे दिन ही हरा दिया. अब टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से टीम को ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारी करनी है लेकिन उससे पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ 5 वनडे मैच और 3 टी20 मैच होने हैं. अब वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया के प्रदर्शन के आधार पर मंथन का समय आ गया है.
अब भारतीय टीम प्रबंधन और राष्ट्रीय चयन समिति जब अगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टेस्ट टीम के चयन के लिए बैठक करेगी तो उनकी सबसे बड़ी चिंता तीसरे सलामी बल्लेबाज और दूसरे विकेटकीपर के चयन को लेकर होगी. वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज को भारतीय टीम बेहद ही आसानी से जीत गई लेकिन इस नीरस टूर्नामेंट से पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह दिसंबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के एडिलेड में खेले जाने वाले पहले मैच के लिए अंतिम एकदश में जगह लगभग पक्की कर ली है.
केएल राहुल को लेकर विराट चिंतित नहीं है ज्यादा
पिछली 17 परियों में 14 बार विफल होने वाले लोकेश राहुल को टीम प्रबंधन का समर्थन हासिल है ऐसे में इस सीरीज में तीसरे सलामी बल्लेबाज का महत्व और बढ़ जाता है. कप्तान विराट कोहली ने रविवार को मैच के तीसरे दिन जीत दर्ज करने के बाद कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि राहुल अपनी खामियों को देखेंगे और उसे ठीक करेंगे. उनके खेल के तरीके में कोई कमी नहीं है. वह काफी सकारात्मक है और जब कोई उसकी गल्तियों के बारे में उसे बताता है तो वह ध्यान से सुनता है.’’ कोहली की बातों से जाहिर हो जाता है कि शॉ और राहुल की जोड़ी को ही एडिलेड में पारी को शुरू करने का मौका मिलेगा. लेकिन अगर राहुल एक बार फिर विफल हो गये तो? यह ऐसा सवाल है जिसका स्पष्ट जवाब ना तो प्रबंधन के पास है और ना ही चयनकर्ताओं के पास.
मयंक, शॉ और राहुल हो सकते हैं शामिल
वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में तीसरे सलामी बल्लेबाज के तौर पर टीम में शामिल हुए मयंक अग्रवाल हालांकि ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी तीसरे सलामी बल्लेबाज के विकल्प होंगे. अग्रवाल ने भी शॉ की तरह ही घरेलू सीरीजओं में रनों का अंबार लगया है लेकिन मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड की सटीक लाइन लेंथ और पैट कमिंस की तेज गेंदबाजी के सामने शीर्ष स्तर पर उनकी तकनीक को लेकर थोड़ा संदेह है.
यह पता चला है कि चयनकर्ताओं को भी अग्रवाल, शॉ और राहुल के रूप में तीनों सलामी बल्लेबाज ज्यादा अनुभव नहीं है. राहुल के खराब फार्म से दोनों युवा बल्लेबाजों पर दबाव आ जाएगा. ऐसे में अगर चयनकर्ता किसी अनुभवी सलामी बल्लेबाज का चयन करते है तो अग्रवाल अपने राज्य के दूसरे खिलाड़ी करूण नायर की तरह ही दुर्भाग्यशाली होंगे.
मुरली विजय के चयन पर भी होगा विचार
दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में मुरली विजय के असफल होने के बाद मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद से उनके विवाद भी चयन में एक मुद्दा होगा. विजय ने हालांकि टीम से बाहर होने के बाद काउंटी क्रिकेट में एसेक्स के लिए 56, 100, 85 और 80 रन की पारियां खेलकर फार्म में होने का सबूत दिया.
ऐसे होगा मयंक और मुरली के बीच चुनाव
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है अग्रवाल और विजय न्यूजीलैंड ए के खिलाफ सीरीज में सलामी बल्लेबाज की भूमिका में होंगे जहां अच्छा प्रदर्शन करने वाले का चयन होगा. मुझे इसका यही तर्कसंगत तरीका लगता है. कोई भी चयन समिति विवाद से बचना चाहती है और यह समिति भी ऐसा ही चाहेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर विजय को चुना जाता है तो आप चाहेंगे की लोगों को पता हो कि अग्रवाल को क्यों नहीं चुना गया.’’
इस मामले में शिखर धवन भी एक विकल्प है लेकिन उन्हें घरेलू सीरीजओं में लाल गेंद से खेलने का मौका शायद ही मिले क्योंकि वह वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय टीम का हिस्सा होंगे.
विकेटकीपर का मामला है ज्यादा उलझा
विकेटकीपर के मामले में विकल्प और भी कम है. ऋद्धिमान साहा अभी पूरी तरह फिट नहीं हुए है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए उनके चयन की संभावना ना के बराबर है. अगर उनका चयन होता भी है तो पंत ने साबित किया है कि बल्ले से वह ज्यादा काबिल खिलाड़ी है. भारतीय कोच रवि शास्त्री ने भी इस ओर इशारा किया कि विकेटकीपर के तौर पर पंत ही पहली पसंद है. रविवार को मैच के बाद जब उनसे साहा की वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘आपको मौजूदा फार्म को तरजीह देनी होगी.’’
कोना भरत भी है एक नाम
विकेटकीपर के तौर पर तीसरे विकल्प कोना भरत है जो भारत ए के लिए खेल रहे है और उन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ चार दिवसीय मैच में शतक बनाया था. दासगुप्ता ने कहा, ‘‘भरत पिछले छह महीने से भारत ए के लिए खेल रहा है तो आप उसके बारे में भी सोचना चाहेंगे. लेकिन मैं पार्थिव पटेल के बारे में भी सोचना चाहूंगा तो सीधे बल्ले से शाट लगाते है और दूसरे विकेटकीपर के साथ वह सलामी बल्लेबाज के तौर पर भी भूमिका निभा सकते है.’’