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बरेली में पंचायत का तुगलकी फरमान, पीड़िता से कहा-‘दोनों पतियों के साथ बिताओ 15-15 दिन’

बरेली। बरेली में पंचों ने एक महिला के खिलाफ अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है. इस फरमान ने महिला को उसके बच्चे से अलग कर दिया. इंसाफ के लिए पीड़िता ने पुलिस के चक्कर काटे, लेकिन हाथ सिर्फ निराशा लगी. आपबीती पंचों को सुनाई तो उन्होंने ऐसा फरमान सुनाया, जो दंग कर दें. अब पीड़िता ने समाजसेवी निदा खान से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने अब तक कोई शिकायत ही दर्ज नहीं करवाई है.

दरअसल, मामला रिछा इलाके का है, जहां की रहने वाली पीड़िता ने बताया कि साल 2012 में बहेड़ी के लईक से उसका निकाह हुआ था. लेकिन 2015 में दहेज कम देने की वजह से पति ने तलाक देकर घर से निकाल दिया. तलाक के बाद पीड़िता अपने दुध मुंहे बेटे के साथ अपने मायके आ गई और 2017 में बरेली में ही दूसरी शादी कर ली. लेकिन अब तीन साल बाद पहला पति लईक फिर आया और उसका बेटा छीनकर ले गया. इस बाबत पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मामला पंचायत में पहुंचा, तो पंचों ने फैसला सुनाया है कि वो 15-15 दिन दोनों पतियों के साथ रहे. लेकिन ये बात पीड़िता को नागवार गुजरी.

tugalki firman of Panchayat in Bareilly

पुलिस में सुनवाई न होने पर मदद की उम्मीद लेकर अर्शी आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के पास पहुंची और मदद के लिए समाजसेवी से गुहार लगाई. पीड़िता का कहना है कि वो इस मर्तबा कई बार पुलिस से अपनी गुहार लगा चुकी है. लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. पीड़िता ने बताया कि पुलिस में तहरीर दी, तीव बार एसएसपी से भी मिली. उन्होंने कार्रवाई का आदेश इसके बावजूद मामले पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.

पीड़िता ने कहा कि शिकायत पंचों तक पहुंची, लेकिन फिर भी न्याय नहीं मिला. पंचों ने फैसला सुना दिया कि 15-15 दिन दोनों शौहर के साथ रह लो. पीड़िता का कहना है, ‘मैं औरत हूं, कोई सामान नहीं जो बांट दिया’.
वहीं, समाजसेवी निदा खान का कहना है कि वो एसएसपी से मिल पीड़िता को न्याय दिलाएगी. समाजसेविका का कहना है कि बच्चा काफी छोटा है. उसे मां की जरूरत है, इसलिए बच्चा अर्शी को ही मिलना चाहिए.
इस मामले में एसपी ग्रामीण डॉ. सतीश कुमार का कहना है कि पीड़िता ने अभी तक कोई तहरीर नहीं दी है और न वो थाने गई है. पुलिस का कहना है कि अगर महिला उनके पास आती है तो उसकी सुनवाई जरूर होगी.

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