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इन आंकड़ों के जरिए जानिए कितने घातक हो सकते हैं कुलदीप और आज बना सकते हैं क्या रिकॉर्ड

आज भारतीय टीम गुवाहाटी के मैदान पर वेस्टइंडीज़ के खिलाफ तीसरा वनडे खेलने उतरेगी. पिछले वनडे में जहां भारतीय गेंदबाज़ विकेटों के लिए तरस रहे थे वहीं कुलदीप इकलौते ऐसे गेंदबाज़ रहे जिन्होने मैच में 3 विकेट चटकाकर टीम इंडिया की राह आसान की.

आज के मुकाबले में भी उनके पास ऐसा ही एक मौका है, क्योंकि उन्होंने अब तक के अपने मुकाबलों में अपने प्रदर्शन से कई बार ये साबित किया है कि आखिर क्यों मौजूदा समय में विश्व क्रिकेट के बल्लेबाज़ उनसे डरते हैं.

आइये आंकड़ों के जरिए समझाते हैं आपको कि आखिर कैसे कुलदीप टीम इंडिया के लिए हैं फायदेमंद:

# वनडे क्रिकेट में अपने आगाज़ के बाद से कुलदीप की फिरकी ने कमाल दिखाया है. साल 2018 में तो वो तीसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं.

# अगर कुलदीप आज के मुकाबले में 4 विकेट चटका लेते हैं तो वो आदिल रशीद से आगे निकलकर इस साल के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज़ बन जाएंगे.

# इतना ही नहीं साल 2018 में तो सबसे अधिक विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज़ों में तो उनका औसत दूसरा सबसे बेहतर है.

2018 वनडे में गेंदबाज़ों का प्रदर्शन:

Player Match Wkts Avg Sr
राशिद खान 20 48 14.45 22.2
आदिल रशीद 24 42 27.47 30.4
कुलदीप यादव 16 39 17.64 22.9
मुजीब उर रहमान 20 37 19.54 30.4
चतारा 21 30 27.03 30.9

# वही साल 2017 जून में कुलदीप ने डेब्यू के बाद से 61 विकेट चटकाए हैं जो कि उनके अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद से सर्वाधिक है.# वहीं उन्होंने साल 2018 में महज़ 22.90 के बेहद ही शानदार स्ट्राइक रेट से अपनी टीम को विकेट भी दिलाए हैं.

# इतना ही नहीं अफगानिस्तान के सबसे कामयाब स्पिनर राशिद खान ने भी पिछले साल जून से अब तक इतने विकेट नहीं चटकाए हैं, जितने कुलदीप चटका चुके हैं.

कुलदीप के वनडे डेब्यू के बाद से गेंदबाज़ों के विकेट

Player Match Wkts Sr
कुलदीप यादव 30 61 25.6
राशिद खान 23 55 22.2
युजवेन्द्र चहल 30 49 32.7

# हालांकि कुलदीप को अभी घरेलू मैदानों पर अपनी गेंदबाज़ी में और सुधार की ज़रूरत है, जहां उन्होंने विदेशों में 16,56 के औसत से विकेट चटकाए हैं. वहीं घर में उनका औसत 27.35 का हो जाता है.

लेकिन ये बात तय है कि कुलदीप की गेंदबाज़ी भारत के लिए तुरुप के इक्के का काम करती है और अगर आज के मुकाबले में भी उनकी गेंदबाज़ी चली तो फिर वेस्टइंडीज़ को चित्त होने से कोई नहीं बचा सकता.

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