लंदन। पाकिस्तान को एक बार फिर से आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण शर्मसार होना पड़ा है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सामरिक दूरदर्शिता समूह (एसएफजी) द्वारा मानवता पर जोखिम- वैश्विक आतंक संकेतक (जीटीटीआई) को लेकर पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया की तुलना में पाकिस्तान मानवता के लिए तीन गुना अधिक खतरनाक है. रिपोर्ट में पाकिस्तान को आतंक का घर, वैश्विक आतंकवाद का सबसे बड़ा समर्थक और पूरी दुनिया में आतंकवाद फैलाने के लिए सीरिया से तीन गुना अधिक जिम्मेदार माना गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी संगठन तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे अधिक खतरा पैदा किया है. पाकिस्तान को आतंकियों के लिए सुरक्षित देशों और सबसे ज्यादा आतंकवादी अड्डों की सूची में शीर्ष पर रखा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक “यदि हम मजबूत तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर सबसे खतरनाक आतंकवादी समूहों को देखें तो पाएंगे कि पाकिस्तान उनमें से अधिकतर आतंकी समूहों का या तो मेजबान है या उनकी सहायता करता है. इसके अलावा, अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में जो आतंकी समूह स्थित हैं, वे पाकिस्तान के समर्थन से संचालित होते हैं.”
80 पेज की इस रिपोर्ट को सामरिक दूरदर्शिता समूह ने 2000 आतंकी समूहों का विश्लेषण करके और आगामी दशकों में आतंकवाद के कारण आने वाली चुनौतियों के आधार पर तैयार किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिहादी समूहों का भविष्य इंटेलीजेंसी एजेंसियों और आपराधिक नेटवर्क पर निर्भर करेगा.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. इसमें दावा किया गया है कि सभी तरह के प्रतिस्पर्धी उग्रवाद का उदय, सामूहिक विनाश के हथियारों का दुरुपयोग और आर्थिक समस्याएं मानव प्रगति को कमजोर कर सकती हैं. इन सबमें आतंकवाद और उससे जुडी चीजें मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं.
रिपोर्ट में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, लीबिया, सीरिया, यमन और कई अन्य देशों से जुड़े वैश्विक आतंकवादी संगठनों के बारे में व्यापक जानकारी दी गई है, जो एक दूसरे के साथ संबंध रखते हैं. इसमें कहा गया हैं कि पाकिस्तान में सबसे अधिक आतंकवादी समूह फाटा, खैबर पख्तुनख्वा, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, क्वेटा और कलात (बलूचिस्तान) में स्थित हैं.