सऊदी मूल के अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में मारने के बाद हत्यारों ने उनके शव को तेजाब से जला दिया था। शनिवार को एक तुर्की समाचार पत्र की रिपोर्ट में दावा किया गया कि तेजाब से जलाने के बाद शव के बचे हुए अवशेष नाली में बहा दिए गए थे।
तुर्की सरकार के समर्थक माने जाने वाले समाचार पत्र डेली सबा की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में तेजाब के निशान मिलने के बाद जांचकर्ताओं ने नाली से भी कई सैंपल लिए हैं। हालांकि समाचार पत्र ने ये जानकारी देने वाले सूत्र की जानकारी नहीं दी है।
बता दें कि खशोगी को आखिरी बार 2 अक्तूबर को दूतावास में प्रवेश करते हुए ही देखा गया था, जहां वे अपनी जल्द होने वाली शादी के लिए आवश्यक कागजात लेने गए थे। इसके बाद उनका शव भी नहीं मिल पाया है। सऊदी अरब ने लगातार इनकार के बाद आखिरकार स्वीकार कर लिया था कि 59 वर्षीय अमेरिकी पत्रकार की दूतावास के अंदर कर्मचारियों से हुए झगड़े में हत्या कर दी गई थी।
हालांकि तुर्की राष्ट्रपति टी. एर्दोगन ने इस हत्या का आदेश सऊदी शासन के ‘शीर्ष लोगों’ की तरफ से दिए जाने का आरोप लगाया था। कई अधिकारियों ने हत्या के पीछे सऊदी के शक्तिशाली क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के होने की तरफ इशारा किया था, जिनकी नीतियों का खशोगी को कटु आलोचक माना जाता था।
तुर्की ने पत्रकार जमाल खशोगी हत्या से जुड़ी सभी रिकॉर्डिंग सऊदी अरब और अमेरिका तथा जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन आदि अन्य देशों को सौंप दी है। राष्ट्रपति टी. एर्दोगन ने शनिवार को टेलीविजन पर ये जानकारी देते हुए कहा, वे रिकॉर्डिंग में हुई बातचीत को सुनकर जान लें कि यहां (इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में) क्या हुआ था। तुर्की अधिकारियों ने साथ में कहा कि कोई भी लिखित दस्तावेज किसी देश को नहीं दिया गया है।
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