रामजन्मभूमि/बाबरी मस्जिद मामले के निवारण में हो रही देरी साधु-संत और धर्माचार्यों के साथ-साथ पक्षकारों को भी अखरने लगी है. पक्षकारों ने स्पष्ट कर दिया है कि अयोध्या मामले का निवारण अब शीघ्र होना चाहिए. मामले की सुनवाई में सुप्रीम न्यायालय के रुख पर भी नाराजगी जताई. मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी के आवास पर रविवार को हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास समेत सूफी संत सेवा समिति लखनऊ और भारतीय नेशनल लीग के पदाधिकारियों ने मीटिंग कर फैसला लिया कि रोजाना सुनवाई की मांग के लिए राष्ट्रपति को लेटर भेजा जाएगा. आवश्यकता पड़ी तो राष्ट्रपति से मुलाकात भी करेंगे. बोला कि मामले की रोजाना सुनवाई के लिए अलग से बेंच बननी चाहिए.
हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास ने बोला कि 29 अक्तूबर को मामले की सुनवाई में सुप्रीम न्यायालय का रुख निराशाजनक रहा है, हम पक्षकार दुखी हैं. नयी बेंच बनाकर रोजाना सुनवाई प्रारम्भ की जानी चाहिए. बोला कि अयोध्या टकराव को लेकर कोई आपस में लड़े हम नहीं चाहते. न्यायालय को अब हकीकत सामने लाना चाहिए. रोजाना सुनवाई के लिए हम राष्ट्रपति को लेटर भेजेंगे, आवश्यकता पड़ी तो मुलाकात भी करेंगे. मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने बोला कि अयोध्या मामले की सुनवाई में देरी अच्छा नहीं है.
हम राष्ट्र की तरक्की चाहते हैं. एक झगड़ा समाप्त हो. न्यायालय जल्द सुनवाई करे ताकि इस मामले का निवारण हो. इसके लिए हम पक्षकारों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने का फैसलालिया है. बताया कि इस मामले को लेकर बैठकों का दौर जारी रहेगा. भारतीय नेशनल लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्धिकी ने बोला कि हमारी राष्ट्रपति से मांग है कि अपनी निगरानी में एक बेंच बनाएं. जो हर रोज मामले की सुनवाई करे, ताकि जल्द से जल्द मामले का निवारण हो. सूफी संत समिति के अध्यक्ष अब्दलु वहीद चिश्ती ने बोला कि अब अयोध्या मामले का शीघ्र निवारण होना चाहिए.
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