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राजस्थान चुनाव: 30 की उम्र में 287 करोड़ की मालकिन हैं यह प्रत्याशी, BJP-कांग्रेस के लिए बनी हैं सिरदर्द

नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रचार अपने चरम पर है. 7 दिसंबर को होने वाली वोटिंग को देखते हुए छोटे-बड़े राजनीतिक दलों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी भी हर सीट पर पूरी ताकत झोके हुए हैं. चुनाव के इस मौसम में श्रीगंगानगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी कामिनी जिंदल सबका ध्यान खींच रही हैं. महज 30 साल की कामिनी जिंदल ने अपने नामांकन पत्र में 287 करोड़ की संपत्ति का ब्योरा दिया है. इस लिहाज से कामिनी राजस्थान चुनाव में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. दिलचस्प बात यह है कि कामिनी राजस्थान की प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं. वह नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी से प्रत्याशी हैं.

कामिनी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक कामिनी राजनीति के साथ एक सफल व्यवसायी भी हैं. फिलहाल वह विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड की निदेशक हैं. बी.डी. अग्रवाल विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, जिसका विनिर्मित उत्पाद ग्वार गम डेरिवेटिव है. कामिनी जिंदल के जन्म के केवल 6 दिनों के बाद यानी 22 जून 1988 को विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड कंपनी निर्गमित की गई थी. 16 जून 1988 को हरियाणा के हिसार के बड़े व्यवसायी बी.डी. अग्रवाल के यहां कामिनी का जन्म हुआ था.

कामिनी को बैचलर ऑफ आर्ट्स और मास्टर ऑफ फिलॉस्फी की डिग्री हासिल है. 2011 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से समाजशास्त्र में एमए किया. कारोबारी परिवार में जन्म लेने के चलते कामिनी ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इसी में अपने हाथ आजमाए. हालांकि शादी के बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लिया.

कामिनी के पति हैं IPS
कामिनी जिंदल के पति गगनदीप सिंगला राजस्थान कैडर के आईपीएस हैं. साल 2013 में कामिनी ने पहली बार चुनाव लड़ा और श्रीगंगानगर सीट के इतिहास में सर्वाधिक 37068 मतों के अंतर से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.

साल 2013 में कामिनी की मां विमला देवी संगरिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी थीं. तब नामांकन में विमला देवी ने अपनी संपत्ति 2762 करोड़ रुपये बताई थी. तब चुनाव में जिंदल परिवार सर्वाधिक 2900 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित करने पर चर्चा में आया था.

21 उम्मीदवारों से है कामिनी का मुकाबला
श्रीगंगानगर विधानसभा सीट पर 22 प्रत्याशी मैदान में हैं. यानी कामिनी को अगर विधायक बनना है तो उन्हें 21 प्रत्याशियों को हराना होगा. कांग्रेस ने जहां अशोक चांडक को टिकट दी है तो बीजेपी ने विनीता आहुजा के रूप में नया चेहरा उतारा है. कांग्रेस के बागी जयदीप बिहाणी और राजकुमार गौड़ भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सामने हैं. वहीं बीजेपी के बागी पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर और बसपा से प्रहलाद टाक भी मैदान में हैं. एक वक्त में बीजेपी के कद्दावर नेता भेरोसिंह शेखावत यहां से चुनाव हार गए थे.

श्रीगंगानगर के वोटिंग पैटर्न पर नजर डालें तो यहां के वोटरों ने कभी भी जात-पात के नाम पर वोट नहीं डाले. लगभग हर चुनाव में यहां के वोटरों ने अपना अलग ही नजरिया पेश किया है, जो अपने आप में मिसाल भी है. मतदाताओं ने कभी भी जातिगत समीकरणों को ध्यान में नहीं रखा, जो सही लगा उसे चुन लिया.

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