राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (National Green Tribunal- NGT) ने सोमवार को दिल्ली सरकार पर महानगर में प्रदूषण की समस्या पर रोक लगाने में विफल रहने के लिए 25 करोड़ का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पास 25 करोड़ रुपए जमा कराए. दिल्ली सरकार पर यह जुर्माना लगाए जाने के बाद दिल्ली के क्रिकेटर गौतम गंभीर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है.
एनजीटी के इस फैसले के बाद क्रिकेटर गौतम गंभीर ने टि्वटर पर सीएम केजरीवाल और बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए अरविंद केजरीवाल से पूछा है कि अब यह जुर्माने की रकम कौन भरेगा.
अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए गौतम गंभीर ने टि्वटर पर लिखा- छंटा धुआं, निकला मफलर में लिपटा फ्रॉड. इसके बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल और बीजेपी से पूछा है कि एनजीटी द्वारा लगाए गए फाइन को कौन भरेगा? उन्होंने लिखा कि जाहिर है कि मेरे जैसे तमाम टैक्सपेयर्स के पैसे से ही यह फाइन भरा जाएगा.
गौतम गंभीर ने ट्वीट में आगे लिखा- काश, मेरे पास यह कहने का विकल्प होता कि मेरे टैक्स का पैसा दिल्ली सीएम द्वारा की गई लापरवाही के लिए इस्तेमाल नहीं होगा.
छँटा धुआँ, निकला Muffler में लिपटा fraud! So @ArvindKejriwal@BJP4India Who’ll pay this fine? Of course me, the taxpayer. I wish I had the option of saying that my tax is not for Delhi CM’s callousness.Air pollution:NGT slaps Rs 25 crore fine on Delhi govt https://t.co/bpRxT4hqkH
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) December 3, 2018
बता दें कि एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर डंडा चलाते हुए 25 करोड़ का जुर्माना ठोका था. एनजीटी ने साफ किया था कि जुर्माने की यह रकम दिल्ली सरकार के खजाने से नहीं बल्कि सरकारी अधिकारियों के वेतन से वसूली जाएगी.
NGT has imposed a fine of Rs.25 cr on Delhi Govt for failing to curb the problem of pollution in capital city. This is to be deducted from salary of Delhi Govt officials&ppl polluting environment. If Delhi Govt fails to pay the fine, it’ll have to pay a fine of Rs.10 cr per month pic.twitter.com/40mcTfqHx0
— ANI (@ANI) December 3, 2018
हर महीने भरना पड़ेगा 10 करोड़ का जुर्माना!
राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए ट्रिब्यूनल की ओर से कहा गया है कि वह अपने काम को करने में नाकाम रहती है तो उसे इस जुर्माने के अलावा हर महीने 10 करोड़ रुपये का फाइन भरना पड़ेगा. एनजीटी की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि दिल्ली को जल्द से जल्द प्रदूषण रहित और सांस लेने के लायक बनाना है.