कोलकाता। आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2019 के पहले दिन किसानों को खुश करने वाला फैसला लिया है. ममता बनर्जी ने नए साल से पहले किसानों को लुभाने के लिए सोमवार को यहां राज्य के किसानों के लिए 5,000 रुपये प्रति एकड़ की वार्षिक वित्तीय सहायता की घोषणा की. बनर्जी ने कृषक बंधु नामक एक राज्य-प्रायोजित योजना के तहत 18 से 60 साल उम्र के राज्य के हर किसान के लिए 2 लाख रुपये की जीवन बीमा की भी घोषणा की. यह योजना एक जनवरी 2019 से शुरू हो गई है.
यहां गौर करने वाली बात यह है कि हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस किसानों की कर्जमाफी का वादा करके सत्ता में आई है. सरकार बनने के तुरंत बाद तीनों राज्यों में सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान कर दिया.
इससे पहले साल 2009 में कांग्रेस किसानों का कर्ज माफ करके सत्ता में वापसी कर चुकी है. वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था, जिसका सीधा फायदा उन्हें चुनाव रिजल्ट में दिखा था. अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में ममता को पश्चिम बंगाल में किसानों के लिए घोषित योजना का कितना फायदा होता है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बार-बार कह रहे हैं कि वे मौजूदा केंद्र सरकार पर इतना दबाव बना देंगे कि वह किसानों की कर्जमाफी पर विवश हो जाएगी.
बनर्जी ने कहा, ’18 से 60 वर्ष की आयु के सभी किसानों को राज्य सरकार द्वारा दो लाख रुपये का जीवन बीमा प्रदान किया जाएगा. उनकी मृत्यु के बाद, प्राकृतिक हो या अप्राकृतिक, उनके परिवारों को धन मुहैया कराया जाएगा.’ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि यह योजना “किसानों के जीवन” को सुरक्षित करने के लिए बनाई गई है.
उन्होंने कहा, ‘यह योजना कल (1 जनवरी) से शुरू हो जाएगी. किसान एक फरवरी 2019 से बीमा के लिए आवेदन कर सकेंगे. किसी भी किसान की मृत्यु के मामले में, राज्य कृषि विभाग उसके परिवार को धन प्रदान करेगा.’ देश में किसानों की आत्महत्या का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि बंगाल में अब तक किसानों की अप्राकृतिक मौत की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है क्योंकि राज्य सरकार ने उनकी अच्छी देखभाल की है.
बनर्जी ने कहा, ‘बंगाल सरकार फसल बीमा का बड़ा हिस्सा प्रदान करती है. इसके अलावा, अगर किसानों की फसलें नष्ट होती हैं, तो हम उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि कोई किसान अप्राकृतिक मौतों का शिकार हो या आत्महत्या करे. देश में करीब 12,000 किसानों की अप्राकृतिक मौत हुई है. ऐसी घटनाएं बंगाल में नहीं हुई हैं. हम अपने किसानों को सुरक्षा देते हैं.’