लखनऊ। यूपी में सपा बसपा के गठबंधन के बाद अब बिहार में भी राजनीतिक बिसात बिछाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसकी एक झलक रविवार रात देखने को मिली। जब राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव अचानक मायावती से मिलने लखनऊ स्थित उनके आवास पहुंच गए। तेजस्वी ने बैठक के बाद कहा कि नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए वे भी बिहार में यूपी मॉडल पर ही गठबंधन करना चाहते हैं। लेकिन फिलहाल मायावती ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि तेजस्वी आज सोमवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात कर सकते हैं।
हालांकि तेजस्वी ने मायावती के साथ अपनी मुलाकात को निजी बताया। उन्होंने कहा कि वे देश की अनुभवी नेता का आशीर्वाद लेने आए हैं और उन्हें जन्मदिन पूर्व बधाई दे रहे हैं। मायावती से मुलाकात के बाद तेजस्वी ने सपा और बसपा के गठबंधन पर अपना समर्थन जाहिर किया और कहा कि लालू प्रसाद यादव भी सपा और बसपा का गठबंधन चाहते थे। तेजस्वी यादव ने कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन से देश में खुशी है। अब यूपी और बिहार से बीजेपी का सफाया बिल्कुल तय है। बीजेपी और उनके घटक दल एक भी सीट नहीं जीतेंगे। दिल्ली जाने का रास्ता भी बिहार और यूपी से ही होकर जाएगा।
लालू का सपना सच हो रहा है
तेजस्वी यादव ने कहा कि वह सबसे छोटे हैं। यूपी में सपा और बसपा के गठबंधन से बहुत खुशी मिली है। इसलिए वह इस खुशी को बांटने और बड़ों का आशीर्वाद लेने यहां आए हैं। साथ ही बहन जी को उनके जन्मदिन की अडवांस में बधाई देने आए हैं। उन्होंने कहा कि, लालू जी ने यूपी और महागठबंधन को लेकर जो कल्पना की थी वह सच हो रही है।
मायावती बोली लालू के परिवार के साथ हुई ज्यादती
तेजस्वी से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए मायावती ने कहा कि बिहार सरकार लालू यादव और उनके परिवार के साथ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। वह ठीक नहीं है। अब इस गठबंधन से उनके परिवार का मनोबल बढ़ा है। हम लालू प्रसाद यादव के परिवार के साथ हैं। अब हम बीजेपी जैसी ताकतों को मजबूत नहीं होने देंगे। हालांकि मायावती ने बिहार में लालू की पार्टी के साथ गठबंधन के सवाल पर अपने पत्ते नहीं खोले। उन्होंने कहा कि वह समय आने पर सब बता देंगी।