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जिन राजीव कुमार के लिए ढाल बनीं ममता बनर्जी, कभी उन्‍हीं पर लगाए थे जासूसी के आरोप

कोलकाता। पश्‍च‍िम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता पुलिस कमिश्‍नर राजीव कुमार के लिए सीबीआई और केंद्र सरकार से टकरा गईं. सीबीआई अफसर सारदा चिट फंड घोटाले में राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंची थी, लेकिन पहले कोलकाता पुलिस ने सीबीआई आफिसर को गिरफ्तार किया, फिर वह खुद धरने पर बैठ गईं. राजीव कुमार को उन्‍होंने सर्वश्रेष्‍ठ पुलिस अधिकारी बताया. आज भले राजीव कुमार ममता बनर्जी के आंखों के तारे हों, लेकिन एक समय वह उनसी खासी खफा थीं. यहां तक कि उन्‍होंने उन पर जासूसी का आरोप भी लगा दिया था.

रुड़की यूनिवर्स‍िटी से कंप्‍यूटर साइंस से बीई कर चुके राजीव कुमार मूलत: यूपी के चंदौसी के रहने वाले हैं. उनकी शादी एक रेवेन्‍यू ऑफिसर से हुई है. उनका एक बेटा भी है. राजीव कुमार की पहली पोस्‍ट‍िंग बंगाल के दुर्गापुर में हुई थी. जाहि‍र है जब उन्‍होंने ज्‍वाइन किया उस समय बंगाल में वामपंथी सरकार थी. इस दौरान वह कई पदों पर रहे.

2011 में सरकार बदली और ममता बनर्जी सत्‍ता में आईं. आते ही उन्‍होंने सबसे राजीव कुमार के बारे में ही जांच कराई. क्‍योंकि विपक्ष में रहते हुए वह राजीव कुमार पर विपक्षी नेताओं की जासूसी के आरोप लगा चुकी थीं. उनका आरोप था कि वह नेताओं के फोन टेप कराते हैं. जब वह सीएम बनीं तो वह राजीव कुमार को हटाने का पूरा बना चुकी थीं. लेकिन तब के कई सीनियर अधिकारियों के कहने पर उन्‍होंने राजीव कुमार के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया.

राजीव कुमार को आईटी का दक्ष अफसर माना जाता है. वह गठित एक एसटीएफ का नेतृत्‍व कर चुके हैं. वह खुद स्‍वीकारते हैं कि सीआईडी में रहते हुए उन्‍होंने अपनी जासूसी की स्‍क‍िल को और निखारा है. हालांक‍ि आज हालात बदल चुके हैं. अब राजीव कुमार ममता बनर्जी के सबसे खास अध‍िकारी हैं. वह रोजाना ममता बनर्जी से मिलकर डे टू डे की ब्रीफि‍ंग उन्‍हें देते हैं.

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