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एक ऐसा उम्मीदवार जिसके पास 1.76 लाख करोड़ नकद और 4 लाख करोड़ का वर्ल्ड बैंक का कर्ज!

नई दिल्ली। देश में अभी चुनाव का मौसम है. चुनावी समर में किस्मत आजमाने के लिए उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर रहे हैं. हर उम्मीदवार चुनाव आयोग को अपने शपथ पत्र में अपनी संपत्ति की जानकारी दे रहे हैं. ऐसी ही जानकारी तमिलनाडु की पेरंबूर सीट पर विधानसभा उपचुनाव में किस्मत आजमा रहे जे जेबमणि मोहनराज ने दी है. हलफनामे में जेबमणि जनता पार्टी के मोहनराज ने अपनी संपत्ति को लेकर जो जानकारी दी उससे वे सुर्खियों में आ गए हैं.

मोहनराज ने चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति की जो जानकारी दी है, उतने में 2 बुलेट ट्रेन चलवाई जा सकती हैं. उन्होंने अपने हलफनामे में जानकारी दी है कि उनके पास 1.76 लाख करोड़ रुपये नकदी है और उन पर चार लाख करोड़ रुपये बकाया है. ये बकाया वर्ल्ड बैंक का है. खास बात यह है कि उनके इस हलफनामे को चुनाव आयोग ने भी स्वीकार कर लिया. चुनाव आयोग की ओर से उनको हरी मिर्च चुनाव चिन्ह के तौर पर आवंटित भी कर दिया गया.

व्यंग्यात्मक रूप में दी जानकारी

जे जेबमणि मोहनराज ने 1.76 लाख करोड़ रुपये नकद और चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने की जानबूझकर गलत घोषणा की है. ये आंकड़े 2 जी स्पैक्ट्रम घोटाले और तमिलनाडु सरकार के कर्ज बोझ के अनुमानित मूल्य को व्यंग्यात्मक ढंग से दर्शाते हैं.

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इस हलफनामे की एक प्रति अपलोड की गई है. अगर इन आंकड़ों पर यकीन किया जाए तो वह पूरे देश में सबसे अमीर उम्मीदवार होते. मोहनराज से जब पूछा गया कि उन्होंने गलत घोषणा क्यों की तो उन्होंने आरोप लगाया कि 2जी घोटाले की जांच सही से नहीं हुई थी और इस पहलू की तरफ ध्यान दिलाने के लिए उन्होंने यह प्रयास किया था.

चुनाव आयोग पर उठे सवाल

मोहनराज द्धारा चुनाव आयोग को गलत जानकारी देने के बाद लोग चुनाव आयोग पर ही सवाल उठा रहे हैं. लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर चुनाव आयोग ने इसे स्वीकार कैसे किया.विवाद बढ़ता देख चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवार निर्धारित प्रारूप में सभी दस्तावेज देता है. कानून के तहत नामांकन पर निर्णय लेने का अधिकार रिटर्निंग ऑफिसर के पास होता है. उसे जानकारी की सत्यता में जाने की आवश्यकता भी नहीं होती है.

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