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मंत्री न बनाए जाने पर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बड़ी बात

जयपुर। पूर्व मंत्री व पूर्व ओलंपियन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शुक्रवार को फेसबुक पर लाइव हुए और कहा कि मैं याद दिलाना चाहता हूं कि मैं राजनीति में क्यों आया हूं-चाहे मेरे पास पद रहे या न रहे इस तथ्य के बावजूद मैं राष्ट्र के लिए कुछ करना चाहता हूं। ये चुनाव जातिवाद पर राष्ट्रवाद की जीत है. उन्होंने कहा, “मेरे जैसा व्यक्ति जिसका राजनीति में कोई गॉडफादर नहीं है, जिसकी चार पीढ़ियों ने सेना में सेवा की है, उसे किसी अन्य पार्टी से टिकट नहीं मिल सकता था.” उन्होंने कहा कि न सिर्फ टिकट यहां तक कि चुनाव जीतने के बाद मैं मंत्री नहीं बन सकता था.

यह सिर्फ मोदी सरकार में ही संभव था, क्योंकि मेधावियों को बढ़ावा दिया जाता है. राठौड़, पूर्व सरकार में सूचना व प्रसारण व खेल राज्य मंत्री थे. उन्होंने जयपुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता. उन्हें मोदी के गुरुवार को घोषित 57 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में कोई विभाग नहीं मिला.

मोदी कैबिनेट का पहला बड़ा फैसला, शहीदों के बच्‍चों को दिया यह खास तोहफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने मंत्र‍िमंडल की पहली ही बैठक में बड़ा फैसला लिया है. शहीदों के बच्‍चों के लिए सरकार ने बड़ा तोहफा देते हुए प्रधानमंत्री स्‍कॉलरशिप में बड़ा बदलाव किया है. शहीदों के बेटों को हर महीने अब 2500 रुपए की स्‍कॉलरशिप मिलेगी. पहले शहीदों के बेटों को 2000 रुपए स्‍कॉलरशिप मिलती थी. इसमें 500 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. वहीं लड़कियों के लिए स्‍कॉलरशिप 2250 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए कर दी गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारी कैब‍िनेट का यह फैसला देश की सुरक्षा करने वालों को समर्पित है. मोदी सरकार की इस पहली कैबि‍नेट मीटि‍ंग कें संसद सत्र की तारीखों के बारे में भी चर्चा हो सकती है.

प्रधानमंत्री स्‍कॉलरशिप स्‍कीम का दायरा अब बढ़ाया गया है. इसके अंतर्गत अब इस स्‍कीम का लाभ सेना और अर्धसैनिक बलों के अलावा राज्‍य पुलिस के उन जवानों के बच्‍चों को भी मिलेगा. इस कोटे का लाभ एक साल में 500 को मिलेगा. प्रधानमंत्री स्‍कॉलरशिप स्‍कीम का लाभ राज्‍य पुलिस के उन जवानों के बच्‍चों को मिलेगा, जो ड्यूटी के दौरान या नक्‍सली हमले के दौरान शहीद हुए हैं.

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