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2019 विश्वकप हार के लिये गौतम गंभीर ने इन्हें बताया जिम्मेदार, जबरदस्त भिड़ंत

टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर और पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद के बीच टीम चयन को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस हो गयी, आपको बता दें कि एमएसके प्रसाद का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा था, आईसीसी विश्वकप 2019 में अंबाती रायडू को टीम में नहीं चुनने का मामला खूब तूल पकड़ा था, तब नंबर चार के लिये अंबाती रायडू की जगह विजय शंकर को चुना गया था।

हार के लिये जिम्मेदार
गौतम गंभीर ने 2019 आईसीसी विश्वकप में टीम इंडिया की हार के लिये तत्कालीन मुख्य चयनकर्ता को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ऐसा चयनकर्ता किस काम का जो बड़े टूर्नामेंट के लिये एक संतुलित टीम ना चुन सके। गौती के मुताबिक अंबाती को टीम में ना चुनना सबसे बड़ी भूल थी, क्योंकि रायडू पिछले दो सालों से नंबर चार पर बल्लेबाजी कर रहे थे, उनका प्रजर्शन भी अच्छा था, फिर किस आधार पर रायडू की जगह विजय शंकर को मौका दिया गया।

टीम से बाहर कर दिया
गौती ने कहा कि 2016 में जब मुझे इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया था, तो उस समय कोई बातचीत नहीं हुई थी। आप करुण नायर को देखिये, तिहरा शतक लगाने के बाद बिना कारण टीम से बाहर किया गया, युवराज सिंह को देखिये, सुरेश रैना को देखिये, अंबाती रायडू के साथ क्या हुआ, आपने दो साल उन्हें टीम में रखा, इस दौरान उन्होने नंबर चार पर बल्लेबाजी की, लेकिन विश्वकप में आपको थ्री डी प्लेयर की जरुरत पड़ गई, क्या चयन समिति के चेयरमैन से ऐसे बयान की उम्मीद की जा सकती है कि हमें थ्री डी प्लेयर की जरुरत है।

कप्तान को ही चयनकर्ता होने की जरुरत
गौतम गंभीर ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि कप्तान को ही चयनकर्ता होने की जरुरत है, कप्तान और कोच को चयनकर्ता होना चाहिये, प्लेइंग इलेवन में चयनकर्ताओं को कहने का कुछ नहीं होता, प्लेइंग इलेवन कप्तान की जिम्मेदारी होती है, साथ ही कप्तान और कोच को वोटिंग का अधिकार भी मिलना चाहिये, ताकि टीम चयन की अपनी जिम्मेदारी को वो दोनों किसी तरह से खिसका ना सकें।

एमएसके प्रसाद का जवाब
गंभीर के आरोपों के बाद एमएसके प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा कि हमारे पास रोहित, विराट, शिखर जैसे बल्लेबाज थे, हमें मध्यक्रम के लिये एक ऑलराउंडर की जरुरत थी, इसलिये विजय शंकर को टीम में मौका दिया गया। रोहित , विराट और धवन इनमें से कोई भी गेंदबाजी नहीं कर सकता था, ऐसे में इंग्लैंड की परिस्थितियों के मुताबिक हमें एक ऐसा खिलाड़ी चाहिये था, जो बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी कर सके, इसलिये विजय शंकर को मौका दिया।

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