बीजिंग। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी(Galwan Valley) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAV) चल रहा गतिरोध थमता नजर आ रहा है। चीन मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्री झाओ लिजिया के हवाले से लिखा है कि चीन और भारत के बीच 30 जून को कमांडर स्तर की तीसरे दौर की बातचीत हुई थी। अब दोनों देशों के बीच हुई दो दौर की वार्ता में बनी सहमित पर दोनों पक्ष अमल कर रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्री के बयान की टाइमिंग पर अब सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, चीन की ओर से यह बयान छह दिन बाद तब आया है, जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत हुई है। इस दौरान चीन पर तौचरफा दवाब भी भारत ने बनाया है। इसके बाद आखिरकार चीन पीछे हटने को तैयार हो गया है।
गौरतलब है कि एनएसए अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत कर सीमा विवाद को हल करने में सफलता हासिल कर ली है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच बातचीत वीडियो कॉल के जरिए रविवार को हुई। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बातचीत सफल रही। डोभाल और वांग यी के बीच क्षेत्र में शांति बनाए रखने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एक साथ काम करने को लेकर बातचीत हुई। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को बातचीत की जानकारी दी। ऐसा माना जा रहा है कि अब गलवान घाटी में पिछले कई महीनों से चला आ रहा गतिरोध थम जाएगा।
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