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एनआइए ने केरल सोना तस्करी मामले की मुख्‍य संदिग्‍ध स्वप्ना सुरेश समेत अन्‍य को हिरासत में लिया

बेंगलुरू। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency, NIA) ने बेंगलुरू में केरल के सोना तस्करी मामले की मुख्‍य संदिग्‍ध स्‍वप्‍ना सुरेश को उसके परिजनों के साथ हिरासत में ले लिया है। यही नहीं एनआइए ने एक अन्‍य आरोपी संदीप नायर को भी गिरफ्तार कर लिया है। स्‍वप्‍ना को कल रविवार को कोच्‍ची में एनआइए कार्यालय में पेश किया जाएगा। एनआइए ने केरल में डिप्लोमैटिक चैनल से बड़े पैमाने पर सोना तस्करी को देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थायित्व पर खतरा बताते हुए आतंकी कार्रवाई करार दिया है।

मालूम हो कि गृहमंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद एनआइए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की आतंकवाद से जुड़ी धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज कर चुकी है। सोना तस्करी का मुख्य आरोपी और यूएई के कांसुलेट का पूर्व जनसंपर्क अधिकारी सरीथ पीएस इसके पहले भी इस तरह से कई डिप्लोमैटिक बैग ले चुका है। एनआइए ने सरीथ पीएस को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा स्वप्ना सुरेश, संदीप नायर और फाजिल फरीद का नाम भी एफआइआर में है। स्वप्ना सुरेश के साथ मुख्यमंत्री विजयन के नजदीकी संबंधों को लेकर केरल में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।

एनआइए ने केरल हाई कोर्ट को आरोपितों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज करने की जानकारी दे चुकी है। साथ ही स्वप्ना सुरेश की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध भी किया है। एजेंसी का कहना है कि स्वप्ना सुरेश को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। खुद केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने का अनुरोध किया था। एनआइए ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के डिप्लोमैटिक बैग के माध्यम से सोना तस्करी लंबे समय से चलने की आशंका जताई थी।

अधिकारियों की मानें तो तस्‍करी के सोने का इस्‍तेमाल आतंकी फंडिंग के लिए किए जाने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। यह मामला यूएई के केरल स्थित वाणिज्य दूतावास को भेजे गए डिप्लोमैटिक बैग में 15 करोड़ रुपये मूल्य के 30 किलो सोना मिलने का है। मामला खुलने के बाद केरल के प्रमुख सचिव एम शिवशंकर को पद से हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय व सरकार के वरिष्ठ अधिकारी पूरे मामले को रफा-दफा करने के लिए कस्टम के अधिकारियों पर दबाव बना रहे थे।

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