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MS Dhoni: 3 आईसीसी ट्रॉफी, जबरदस्त फिनिशर, ऐसा शानदार रहा करियर

अपनी कप्तानी और फिनिशिंग के हुनर से महानतम क्रिकेटरों में शुमार दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार (15 अगस्त) को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया। गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास के कई सुनहरे अध्याय लिखने वाले 39 वर्ष के धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया।

महेंद्र सिंह धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, ”अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद। शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिए।” कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जन्म सात जुलाई 1981 को रांची में हुआ था।  माही और ‘कैप्टन कूल’ के नाम से मशहूर धोनी झारखंड के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। धोनी एक दशक से भी ज्यादा समय तक विकेटकीपर, बल्लेबाज, कप्तान हर भूमिका में फिट रहे। एमएस धोनी ने क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसी छाप छोड़ी है, जो आने वाले सालों तक बरकरार रहेगी।

दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार रहे महेंद्र सिंह धोनी ने पिछले साल हुए वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद से उन्होंने टीम इंडिया के लिए कोई मैच नहीं खेला है। इस बीच धोनी के संन्यास को लेकर काफी चर्चा हुई थी। धोनी ने 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4,876 रन बनाए। उन्होंने अबतक 350 वनडे इंटरनेशनल खेले हैं, जिनमें 50.57 की औसत से 10,773 रन बनाए हैं। धोनी ने भारत के लिए 98 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 37.60 की औसत से 1,617 रन बनाए हैं।

2004 से शुरू हुआ था करियर सफर
महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट करियर के सफर का आगाज 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश की सरजमीं पर हुआ था। धोनी के करियर की शुरुआत काफी खराब रही थी। उन्होंने अपनी पहली इंटरनेशनल पारी में 0 रन बनाए थे। बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में 7वें नंबर पर खेलने उतरे और वह पहली ही बॉल पर रन आउट हो गए थे। धोनी ने अपने टेस्ट क्रिकेट करियर की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ 2 दिसंबर 2005 में की थी। इस मैच की पहली पारी में उन्होंने 11 रन बनाए थे। वहीं, धोनी ने अपना पहली टी-20 इंटरनेशनल मैच 1 दिसंबर 2006 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में खेला था। इस मैच में धोनी बिना खाता खोले पवेलियन लौटे थे। जब धोना 2004 में अपने डेब्यू मैच में जीरो पर आउट हुए तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह खिलाड़ी एक दिन ऐसा नाम बनाएगा, लेकिन डेब्यू के बाद 5वें मैच में धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन की पारी खेल कर पूरी दुनिया को अपने आने की खबर दे दी थी।

हेलीकॉप्टर शॉट बना धोनी का स्पेशल ट्रेडमार्क
महेंद्र सिंह धोनी ने आधुनिक क्रिकेट को अपने नजरिए देखना शुरू किया। उन्हें नए और छोटे शहरों से आए युवाओं को मौका दिया और उन्हें खुद को साबित करने का मंच मुहैया करवाया। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में फील्डिंग और फिटनेस को तवज्जो दी। धोनी ने अपने ट्रेडमार्क ‘हेलीकॉप्टर शॉट’ की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई। उनका यह शॉट, पूरी दुनिया में मशहूर है।

2007 में जीता टी-20 का पहला विश्व कप
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2007 में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाली। धोनी ने भारतीय क्रिकेट में एक नई ऊर्जा भरी। उनकी कप्तानी ने भारत ने कई बडे़ टूर्नामेंट जीते और इसकी शुरुआत टी-20 वर्ल्ड कप से हुई। 2007 में पाकिस्तान को फाइनल में हराकर धोनी ने पहला टी-20 विश्व कप भारत के झोली में डाली। इसके बाद धोनी का ओहदा लगातार बढ़ता गया और वनडे और टेस्ट की कप्तानी भी मिल गई। पहले टेस्ट में और फिर वनडे में टीम इंडिया को बादशाहत हासिल हुई।

2011 का वर्ल्ड कप जीत 28 साल बाद भारत को बनाया विश्व विजेता
1983 में पहला विश्व कप जीतने के बाद टीम इंडिया 28 साल बाद एक बार फिर से धोनी को विश्व विजेता बनाया। धोनी की कप्तानी में जीत की शुरुआत बांग्लादेश को बांग्लादेश की सरजमीं पर हराकर ही हुई थी। इसके बाद आयरलैंड, नीदरलैंड, वेस्टइंडीज को हराकर भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची। जहां भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हुआ और टीम इंडिया ने कंगारुओं को 5 विकेट से हरा दिया। इसके बाद सेमीफाइनल में अपने चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 29 रनों से हराकर फाइनल में एंट्री मारी। फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हरा दिया और भारत 28 साल बाद दूसरा विश्व कप धोनी के कप्तानी में जीत लिया।

विश्व कप जीतने के बाद सिर मुंडवाया
2011 के बाद भारतीय टीम अब दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बन गई थी और धोनी करोड़ों हिन्दुस्तानियों के दिलों पर राज करने लगे। उन्होंने न सिर्फ सचिन तेंदुलकर का बल्कि हर एक क्रिकेट प्रेमियों का सपना पूरा किया। धोनी ने मन्नत मानी थी कि विश्वकप जीतने के बाद अपने सिर मुंडवा लेंगे, जोकि विश्व कप जीतने के दूसरे दिन देखने को भी मिला। इससे पहले धोनी ने दक्षिण अफ्रीका में 2007 में टी-20 विश्वकप जीतने के बाद भी अपने लंबे बालों को कटवाकर छोटा कर दिया था।

2013 में चैंपियंस ट्रॉफी में मिली जीत
टी-20 और विश्व कप जीताने के बाद अब धोनी की निगाहें मिनी वर्ल्ड कप कहे जाने वाले ‘चैंपियंस ट्रॉफी’ पर थी। 2013 में धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल जीतकर इसे भी भारत के झोली में डाल दिया। चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का फाइनल मैच भारत और इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम में खेला गया था और बारिश के चलते 20 ओवर का कर दिया गया था। रोमांच की हद तक पहुंचे इस मैच को भारत ने धोनी की कप्तानी के दम पर ही जीता था।

टेस्ट टीम से अचानक लिया संन्यास
30 दिसंबर 2014 को धोनी ने टेस्ट टीम से अचानक संन्यास ले लिया। धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैच खेले। उन्हीं की कप्तानी में भारतीय टीम टेस्ट में दुनिया की नंबर एक टीम बनी। जिसके बाद विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान बने। टीम इंडिया उस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। दोनों टीमों के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ और इस टेस्ट के बाद धोनी ने सबको चौंकाते हुए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।

वनडे टीम की कप्तानी छोड़ी
धोनी को वनडे और टी-20 से 4 जनवरी 2017 को कप्तानी छोड़ी। इस तरह से ‘कैप्टन कूल’ का गोल्डन एरा का भी खत्म हो गया था। उन्होंने कुल 199 वनडे और 72 टी-20 मैचों में कप्तानी की। रिकी पोंटिंग और स्टेफिन फ्लेमिंग के बाद धोनी एकलौते ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने अपने देश के लिए सबसे ज्यादा वनडे मैचों के लिए कप्तानी की। धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज शुरू होने से महज 11 दिन पहले कप्तानी छोड़कर सबको हैरान कर दिया था।

आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले पहले और इकलौते कप्तान
महेंद्र सिंह धोनी के नाम वैसे तो कई रिकॉर्ड्स हैं, लेकिन एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो किसी के लिए भी तोड़ पाना नामुमकिन है। किसी भी कप्तान के लिए अब इस रिकॉर्ड तोड़ पाना इसलिए नामुमकिन है, क्योंकि आईसीसी ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद इस टूर्नामेंट को ही खत्म कर दिया है। अब कोई और कप्तान वर्ल्ड टी20, वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी के तीनों खिताब नहीं जीत पाएगा। धोनी दुनिया के इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिनकी कप्तानी में टीम ने तीनों आईसीसी ट्रॉफी जीती हैं। 2007 टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब भारत ने धोनी की ही कप्तानी में जीते हैं।

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