वॉशिंगटन। अपनी विस्तारवादी आदतों और कोरोना महामारी के चलते अलग-थलग पड़ा चीन (China) अपने परमाणु हथियारों को दोगुना करने की तैयारी कर रहा है. पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट (Pentagon report) में खुलासा किया है कि चीन इस दशक के अंत तक अपने परमाणु वॉरहेड (Nuclear Warheads) को दोगुना करने के प्रयासों में हैं. ये वॉरहेड जमीन के साथ ही समुद्र और हवा में बैलिस्टिक मिसाइलों लॉन्च करने में सक्षम हैं.
संयुक्त सैन्य अभियान पर जोर
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी संयुक्त सैन्य अभियानों पर भी ध्यान दे रही है, ताकि ताइवान की तरफ से अमेरिकी सेना की किसी भी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. पेंटागन की यह रिपोर्ट अमेरिका की चिंता बढ़ा सकती है. क्योंकि इसमें कहा गया है कि चीनी सेना ने जहाज निर्माण, लैंड-बेस्ड बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों और वायु रक्षा प्रणालियों जैसे कई क्षेत्रों में अमेरिकी सेना के समान क्षमता हासिल कर ली है या उससे आगे निकल गई है.
200 से 400 की तैयारी
अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पेंटागन ने चीन की परमाणु क्षमता को पहली सार्वजानिक किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास 200 से कम परमाणु वॉरहेड हैं, जिनकी संख्या अगले 10 सालों में दोगुनी हो सकती है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल में चीन तेजी से अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने में लगा है. वह जमीन, हवा और पानी से परमाणु हमला करने के अपने साधनों की संख्या में इजाफा कर रहा है. उसके पास बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिन्हें जमीन और समुद्र से प्रक्षेपित किया जा सकता है और अब वह हवा से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल भी विकसित कर रहा है.
…तो होगा बड़ा नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, अगले दशक में चीन के परमाणु युद्धक भंडार कम से कम दोगुने हो सकते हैं. बीजिंग शताब्दी के मध्य तक अपनी सेना को अमेरिकी सेना के बराबर या कई मामलों में उससे बेहतर कर सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि चीन अपने मंसूबों में कामयाब होता है, तो अमेरिका को बड़ा नुकसान उठाना होगा.