नई दिल्ली। सिंघु बॉर्डर पर 35 वर्षीय दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या और फिर शव के साथ बर्बरता किए जाने का मामला बढ़ता जा रहा है. यह केस अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जिसमें सिंघु बॉर्डर को खाली करवाने की मांग की गई है. मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल से ही पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर्स पर आंदोलन कर रहे हैं. इन्हीं में से एक बॉर्डर सिंघु भी है, जहां पर शुक्रवार सुबह एक शख्स का शव बैरिकेड से लटकता मिला था.
किसान आंदोलन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में कई बार सुनवाई हो चुकी है. इस महीने की शुरुआत में दिल्ली के किसानों से जुड़े ‘किसान महापंचायत’ नाम के संगठन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा कि आप ट्रेनें रोक रहे हैं, हाइवे बंद कर रहे हैं. क्या शहरी लोग अपना बिजनेस बंद कर दें. क्या ये लोग शहर में आपके धरने से खुश होंगे? सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा था कि आपने पूरे शहर को अवरुद्ध कर रखा है, और अब आप शहर के भीतर आकर प्रदर्शन करना चाहते हैं. आप कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, इसका मतलब है कि आपको कोर्ट पर भरोसा है. फिर विरोध प्रदर्शन की क्या जरूरत?
निहंग ने किया सरेंडर, हत्या करने का किया दावा
इस मामले में एक निहंग ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. निहंग सरवजीत सिंह ने दावा किया कि उसने ही हत्या की थी. पुलिस निहंग को शनिवार को कोर्ट में पेश करेगी, जिससे पहले उसका मेडिकल करवाया जाएगा. इसके अलावा, घटना की जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल ने ली है. निहंग समूह ने एक वीडियो में कैमरे के सामने स्वीकार किया कि उनके समूह के ही निहंग ने लखबीर की हत्या की. समूह के पंथ-अकाली बलविंदर सिंह ने वीडियो में बताया कि घटना देर रात तीन बजे की है. उसने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की थी, जिसके बाद उसे मारा गया.