रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच वहां कई भारतीय छात्र फंसे हैं. यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे छात्र अपने परिवार वालों से वहां का दर्द बयां कर रहे हैं. यहां परिजन भी बेहद परेशान हैं. देवरिया में रहने वाले तीन MBBS के छात्रों के परिवार ने भारत सरकार से बच्चों की घर वापसी की गुहार लगाई है. परिजनों का कहना है कि उन्हें मोदी जी से उम्मीद है कि वो हमारे बच्चों की सकुशल वापसी करवाएंगे. वहीं बच्चों की आस भी पीएम मोदी से है. कई छात्र वीडियो जारी की कह रहे हैं मोदी जी बचा लीजिए.
देवरिया जिले में रामपुर कारखाना कस्बे के प्रणवनाथ सिंह यादव साल 2018 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे. फिलहाल वो अपनी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फंसे हुए हैं. वीडियो कॉल पर चाचा से बातचीत करते हुए प्रणव ने उन्हें बताया कि यहां आपातकाल जैसी स्थिति है. मॉल, एटीएम मशीनों, सब्जी मंडी में लोगों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. कुछ देर पहले ही उसने हॉस्टल से निकलकर राशन इकट्ठा किया है. इधर, प्रणव के परिजनों ने मोदी सरकार से गुहार लगाई कि स्टूडेंट्स को किसी भी तरह वापस बुलाया जाए. प्रणवनाथ सिंह यादव के अलावा शक्तिरमन सिंह और सुनील मद्देशिया यूक्रेन के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं, जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इन सभी के परिवार ने सरकार से सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाई है.
व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिये प्रणव ने बताया कि वो सुबह उठे तो ते धमाके की आवाज सुनाई दी. जो डेढ़ सौ किलोमीटर पर हुई थी. उन्होंने बताया कि यूनिवर्सटी के डीन ने छात्रों को बाहर निकलने से मना किया है और 15 दिन का जरूरत के समान खरीद कर रखने के लिए कहा है. वो भारत वापस आना चाह रहा हैं, इसके अलावा प्रणवनाथ सिंह यादव ने बताया कि कुछ छात्र एयरपोर्ट गए थे. लेकिन उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया गया.
छात्रों को एयरपोर्ट में घुसने नहीं दिया
प्रणव का एमबीबीएस का चौथा साल है. उसके पिता सुरेंद्र यादव बलिया जिले के एक अस्पताल में चीफ फार्मासिस्ट है. प्रणव की छोटी बहन आकांक्षा की शादी इसी दिसंबर महीने में हुई थी. जिस समय वो घर आया था और तीन फरवरी को वापस यूक्रेन लौट गया था.
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