सुमी में फंसे भारतीयों को निकालने का सिलसिला आखिरकार शुरू हो गया है. ताजा जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन के सुमी से मेडिकल छात्रों को निकाला जा रहा है. उनके साथ रेड क्रॉस और भारतीय दूतावास के आधिकारिक लोग हैं. सुमी में करीब 700 भारतीय छात्र फंसे हैं, जिनको रूस की गोलीबारी की वजह से अबतक नहीं निकाला जा सका है.
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सुमी से कैसे निकाले जाएंगे भारतीय छात्र?
सुमी से फंसे लोगों (भारतीय छात्र समेत) को Poltava और Belgorod पहुंचाया जाएगा. फिर हवाई, रेल और रोड ट्रांसपोर्ट से चुनिंदा स्थानों पर भेज दिया जाएगा. या लोग दक्षिण की तरफ अस्थायी आवासों में भी जा सकते हैं. बता दें कि भारतीय दूतावास की टीमें Poltava शहर में मौजूद थीं. यहां पहुंचने वाले भारतीय लोगों को सुरक्षित निकालना ही उन टीमों का काम है.
इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात की थी तब इसमें सुमी से फंसे भारतीयों का भी जिक्र किया गया था. मोदी ने भारतीय छात्रों को निकालने के लिए मदद मांगी थी. अब रूस ने जब मानवीय गलियारे बनाने की बात कही तो यूक्रेन ने भी उसका समर्थन किया.
इससे पहले रूस और बेलारूस की तरफ खुलने वाले humanitarian corridor के लिए यूक्रेन राजी नहीं हुआ था. इसके बाद रूस ने हवाई हमले शुरू कर दिए थे, इसकी वजह से सोमवार को भारतीय लोग नहीं निकल सके थे. यहां तक कि भारतीयों ने निकलने की पूरी तैयारी कर ली थी, बैग भी तैयार कर लिए गए थे. लेकिन आखिरी मौके पर बमबारी शुरू हो गई थी.