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दिल्ली: केजरीवाल सरकार के खिलाफ LG का एक और एक्शन, नई एक्साइज पॉलिसी की CBI जांच की सिफारिश की

नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है. दरअसल, आरोप हैं कि केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है.

बताया जा रहा है कि एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई एक्साइज पॉलिसी में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए.

बढ़ सकती हैं मनीष सिसोदिया की मुसीबतें

इस रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं. दरअसल, दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नीति के जरिए कोरोना के बहाने लाइसेंस की फीस माफी की गई. शराब कारोबारियों को टेंडर में 144.36 करोड़ की छूट दी गई. इतना ही नहीं एक्साइज पॉलिसी पर LG ने CBI जांच की सिफारिश की, कोरोना के बहाने शराब माफियाओं को 144 करोड़ का लाभ पहुंचाने का आरोप

गौतम गंभीर ने साधा निशाना

बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, सुना है दिल्ली में शराब का कारोबार करने वाले मंत्री पर भी कार्यवाही होने वाली है! एक मंत्री पहले से जेल में है, दूसरा भी तैयार है!

आरोपों पर क्या बोली आप?

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 2016 में जब हमारी सरकार को 1 साल हुए थे, तब भी केंद्र सरकार घबराई थी और कोशिश हुई कि केजरीवाल सरकार के काम रोके जाएं. तब के एलजी को प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश मिला और शिंगलु कमेटी बनाकर हमारे 400 फाइलों की जांच हुई लेकिन कुछ नहीं निकला. अब पंजाब की जीत के बाद भाजपा और PM मोदी AAP से और अरविंद केजरीवाल से घबराए हुए हैं. आज देश के या किसी राज्य के शिक्षा मंत्री का नाम किसी को नहीं पता होगा, लेकिन दिल्ली के शिक्षा मंत्री का नाम बच्चा बच्चा जानता है. ऐसे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आज फंसाने की कोशिश हो रही है. केंद्र सरकार के इशारे पर CBI की जांच के आदेश दिए गए हैं. हजारों करोड़ों लूटने वाले माल्या, ललित मोदी को केंद्र सरकार ने भगा दिया, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन मनीष सिसोदिया जैसे आदमी के पीछे अब ये पड़े हैं.

पिछले साल लागू हुई थी नई नीति

दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपनी नई आबकारी नीति लागू की थी, जिसके तहत निजी संचालकों को ओपन टेंडर से खुदरा शराब बिक्री के लाइसेंस जारी किए गए थे. अब तक, नई पॉलिसी लागू होने के बाद दिल्ली के 32 जोन में कुल 850 में से 650 दुकाने खुल चुकी हैं. दिल्ली सरकार का कहना था कि नई नीति से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. वहीं, दिल्ली बीजेपी ने इस नई नीति का विरोध किया था.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ये कदम ऐसे वक्त पर उठाया, जब हाल ही में केजरीवाल की सिंगापुर दौरे को लेकर बवाल मचा हुआ है. दरअसल, एलजी सक्सेना ने हाल ही में केजरीवाल की सिंगापुर जाने की अनुमति वाली अर्जी को खारिज कर दिया था. उन्होंने केजरीवाल को सिंगापुर समिट में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि यह मेयरों का समिट है.

वहीं, आम आदमी पार्टी ने उप राज्यपाल पर राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगाया. इतना ही नहीं आप सरकार ने केजरीवाल के सिंगापुर दौरे के लिए विदेश मंत्रालय से अनुमति मांगी है. माना जा रहा है कि शराब नीति को लेकर एलजी के इस कदम के बाद टकराव और बढ़ सकता है.

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