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घर में 14 घंटे रेड के बाद अब मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर को खंगालेगी सीबीआई

नई दिल्ली। दिल्ली में शराब घोटाले की जांच को लेकर आप सरकार और सीबीआई के बीच में तनाव बढ़ता जा रहा है. अभी तक इस मामले में मनीष सिसोदिया के कई करीबियों से पूछताछ हो चुकी है, उनके घर पर भी 14 घंटे तक रेड चली है. अब इस सब के बीच सिसोदिया ने एक और बड़ा दावा कर दिया है. उनका कहना है कि कल यानी कि मंगलवार को सीबीआई उनके बैंक लॉकर चेक करने आने वाली है.

ट्वीट कर मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कल CBI हमारा बैंक लॉकर देखने आ रही है. 19 अगस्त को मेरे घर पर 14 घंटे की रेड में कुछ नहीं मिला था.  लॉकर में भी कुछ नहीं मिलेगा. CBI का स्वागत है. जांच में मेरा और मेरे परिवार का पूरा सहयोग रहेगा. अब सीबीआई ने भी सिसोदिया के इन दावों पर मुहर लगा दी है. कल सही में उनके बैंक लॉकर की जांच होने वाली है. सीबीआई ने एक जारी बयान में कहा है कि एक तय प्रक्रिया के तहत ये जांच की जाएगी. छानबीन के दौरान उनके परिवार का एक सदस्य भी मौजूद रहने वाला है.

वैसे डिप्टी सीएम की तरफ से ये तंज उस समय किया गया है जब दिल्ली सरकार पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं, जांच बैठाई जा रही हैं. इस समय एक तरफ शराब घोटाले की वजह से आप सरकार विवादों में चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ एलजी वीके सक्सेना से भी उनकी तल्खी बढ़ती जा रही है.

कई मुद्दों को लेकर बढ़ती तकरार

आप विधायक तो पूरी रात विधानसभा में ही धरना देने की तैयारी कर रहे हैं. उनकी तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि वे वीके सक्सेना का इस्तीफा चाहते हैं, वे उनके खिलाफ स्वतंत्रत जांच चाहते हैं. ये सब तब हो रहा है जब एलजी ने ही सबसे पहले शराब नीति पर जांच करने की बात कही थी और फिर बाद में आप सरकार के कई प्रस्तावों को सिर्फ इसलिए वापस भेज दिया क्योंकि उन पर सीएम अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं थे. वैसे इन सभी विवादों के बीच में आम आदमी पार्टी अब वीके सक्सेसा का इस्तीफा मांग रही है.

एलजी का इस्तीफा क्यों मांगा जा रहा?

असल में दुर्गेश पाठक ने सदन के माध्यम से एक बड़ी जानकारी दी. दिल्ली के उपराज्यपाल बनने से पहले विनय कुमार सक्सेना खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन थे. तब का एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि नोटबंदी के दौरान पीएमओ में ऐसी बहुत शिकायतें गईं कि खादी ग्रामोद्योग ने बड़े स्तर पर पुराने नोट नए नोटो में बदले जा रहे हैं. जब इसकी जांच हुई, तो इसमें खादी ग्रामोद्योग के दो कैशियर के नाम आए- प्रदीप कुमार यादव और संजीव कुमार.

वे आगे कहते हैं कि दोनों का बयान यह था कि खादी ग्रामोद्योग के फ्लोर इंचार्ज अजय गुप्ता और मैनेजर एके गर्ग ने इन कैशियर को डराया धमाकाया और कहा कि पैसा विनय कुमार सक्सेना का है. अगर चेयरमैन पर यह आरोप है तो इसकी जांच होनी चाहिए. यह इसलिए भी बड़ा मामला है, क्योंकि तब गरीब लोग घण्टो लाइन में लगकर अपने पैसे बदलवा पाते थे.

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