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भंडारण निगम में फिर सामने आया करोड़ों का खाद्यान्न घोटाला

SIT जांच में प्रमुखता से संलिप्त होने पर प्रबंध निदेशक श्रीकांत गोस्वामी पर कार्यवाही की सिर्फ कोरी बातें

योगी सरकार के नए कार्यकाल में लगभग 6 करोड़ का खाद्यान्न घोटाला 

    प्रबंधनिदेशक ने खाद्यान्न घोटाले को विभाग की उपलब्धियों के रूप में सहकारिता मंत्री को गिनाया

फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र पर कार्यरत सुभाष चन्द्र पांडे को क्षेत्रीय प्रबंधक का पदभार 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम द्वारा घोटाले की दास्तान कोई नयी नहीं है। खाद्यान्न घोटाले में कीर्तिमान रचने वाले प्रबंध निदेशक फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र पर कार्यरत क्षेत्रीय प्रबंधक, लखनऊ मंडल के अधीनस्थ हरदोई के पिहानी गोदाम में करोड़ो के घोटाले के संबंध में खानापूर्ति करने के लिए मुक़दमा दर्ज करा सकते है।

योगी सरकार के नए कार्यकाल में सहकारिता मंत्री को प्रबंध निदेशक द्वारा लगभग 6 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले को सफलतापूर्वक विभाग की उपलब्धियों के रूप में जहां गिनाया था वहीं उसी तर्ज पर अनेक गोदामों में करोड़ों के खाद्यान्न घोटाले की सुनियोजित साजिश के रंग दिख रहे है।

भारतीय खाद्य निगम के उच्च पदस्थ सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य भंडारण निगम के अनेक गोदामो में अनियमितताएं पाई गई है और करोड़ों रुपए के संभावित घोटाले को देखते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र भी लिखा गया लेकिन फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर कार्यरत क्षेत्रीय प्रबंधक की मौन स्वीकृति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि ऊपर से लेकर नीचे तक सभी तंत्र इस घोटाले में सम्मिलित है और पूर्व की भांति करोड़ों रुपए की हेरा फेरी का भंडारण निगम के भंडार से सुनियोजित षड्यंत्र करीब-करीब पूरा किया जा चुका है।

राज्य भंडारण निगम के विभिन्न डिपो पिहानी, रामकोट, सीतापुर मंडी, लखीमपुर, अंदेश नगर आदि के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि की गयी है, भारी मात्रा में शॉर्टेज है एवं भंडार संचालन में शिथिलता, लापरवाही एवं चट्टाबाल लेखांकन में व्याप्त अनियमितता एवं डिपो प्रभारी की संभावित लापरवाही देखने को मिलती है।

उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम द्वारा वर्ष 2022 की शुरुआत में लगभग 6 करोड़ों के खाद्यान्न घोटाला करके जिला सीतापुर के नेरी कला केंद्र पर एक नया कीर्तिमान बनाया था। किसी अधिकारी या कर्मचारी पर कोई कार्यवाही ना होते देखकर फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र पर कार्यरत क्षेत्रीय प्रबंधक श्री सुभाष चंद पांडे द्वारा सीतापुर के पिहानी में 1करोड़ 50 लाख का घोटाला करके एक नए कीर्तिमान की तरफ अपने कदमों को बढ़ाया है।

राज्य भंडारण निगम के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मंडल के अधीनस्थ अन्य गोदामों में भारी मात्रा में किए गए गबन और भ्रष्टाचार का मूल्यांकन किया जाए तो यह धनराशि विगत कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ देगी और प्रबंध निदेशक श्रीकांत गोस्वामी के कार्यकाल में खाद्यान्न घोटाला एक नया कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर है।

अपर मुख्य सचिव सहकारिता श्री बी एल मीणा के संज्ञान में समस्त जानकारी होने के बाद उनके द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाना इस बात का स्पष्ट संदेश है कि राज्य भंडारण निगम के प्रबंध निदेशक श्रीकांत गोस्वामी की पहुंच ऊपर तक है और घोटाले पर घोटाले करने के बाद भी भंडारण निगम के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी पर शासन कार्यवाही करने से कतरा रहा है।

भारतीय खाद्य निगम से मिली जानकारी के अनुसार पिहानी डिपो में खाद्यान्न की हेराफेरी सामने आई है जिसका संभावित मूल्य लगभग 2 करोड़ रुपये की धनराशि का होगा। पूर्व में दिसंबर 2021 में सीतापुर के नेरी कला केंद्र पर 6 करोड़ की धनराशि का खाद्यान्न घोटाला हुआ था लेकिन राज्य भंडारण निगम के किसी भी अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही नही हुई बल्कि इस घोटाले की धनराशि को उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी कोष से भरपाई की गई है। राज्य भंडारण निगम का सूरतें हाल यही रहा तो अन्य जिलों से भी करोड़ो के खाद्यान्न घोटाला देखने को मिलेगा और मंत्रीजी सिर्फ कार्यवाही करने की बात कहते नज़र आएंगे।

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