लखनऊ। बिजली हड़ताल के चलते यूपी में पूरब से पश्चिम तक हाहाकार मचा हुआ है। समझाने-बुझाने और सख्ती के बावजूद सरकार और हड़ताली कर्मचारियों के बीच बात नहीं बनी। इस बीच अलग-अलग जिलों में सैकड़ों कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। बिजली सप्लाई बाधित करने वाले हजारों कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की गई है। सरकार बड़े ऐक्शन की तैयारी में है। उधर, कर्मचारी भी अपनी मांगों पर अड़े हैं।
हड़ताल की वजह से कानपुर मंडल के सभी जिलों के अलावा बुन्देलखंड में हड़ताल के दूसरे दिन हालात बिगड़ गए। बिजली न आने शहरों में पानी को लेकर हाहाकार मचा रहा। फतेहपुर में टैंकरों से पानी की सप्लाई की गई। 1500 से ज्यादा गांव 24 घंटे से अंधेरे में डूबे हैं। कानपुर, फतेहपुर, हरदोई और उन्नाव में इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली न मिलने से 2000 फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप हो गया है। कानपुर में केस्को ने 11 सौ से ज्यादा हड़तालियों सूची यूपीपीसीएल को भेजी है, देर शाम तक कार्रवाई संभव है। इसके अलावा 531 आउटसोर्सिंग और संविदा कर्मचारियों में 243 को बर्खास्त कर दिया गया है। शेष को काम लौटने का अल्टीमेटम दिया गया है। पीलीभीत जिले में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल से बिलसंडा, पूरनपुर समेत कई इलाकों की बिजली गुल है। शुक्रवार रात दो बजे से शहर के नक्टादाना फीडर की सप्लाई भी बंद हो गई थी। हालांकि अधीक्षण अभियंता की टीम ने बिजली सही कराते हुए सुबह 10 बजे सप्लाई चालू की गई। इसके अलावा बिजली बिल जमा नहीं हो पा रहे हैं और ना ही नए कनेक्शन हो पा रहे हैं। अभी तक हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। शुक्रवार रात से दोपहर तक करीब साढ़े तीन सौ गांवों में फाल्ट से ग्रामीण परेशान रहे।
बदायूं में दो दिन से आसमान में बादल छाये हुए रहे,तीसरे दिन शनिवार को जिले भर में बूंदाबांदी हुई। बारिश और ओलावृष्टि के आसार बने हुए हैं। बारिश और ओलावृष्टि हुई तो गेहूं की फसल लिए ज़्यादा नुक़सान होगा। वर्तमान में ढाई लाख हेक्टेयर पर गेहूं की फसल खड़ी हुई है। वहीं मौसम में बदलाव के चलते सरसों की थ्रेसिंग एवं आलू खुदाई का कार्य प्रभावित हो गया है। तापमान में भी गिरावट हो रही है। अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिकों ने 21 जनवरी तक मौसम का मिज़ाज बिगड़ा रहने के संकेत दिए हैं।
शाहजहांपुर में हड़ताल के साथ बारिश ने बिजली की व्यवस्था कुछ यूं बिगाड़ दी कि 37 फीडरों से आपूर्ति ठप हो गई। करीब 70 हजार उपभोक्ताओं को कई घंटे तक बिजली नहीं मिल सकी। बारिश के कारण बिजलीघरों को दी जाने वाली 33केवी लाइन ब्रेकडाउन रहीं। कोई कर्मचारी इसे ठीक करने नहीं पहुंचा। शाहजहांपुर महानगर के कई इलाकों में सुबह से ही बिजली ठप रही। अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली सप्लाई ठीक होने में कई दिन लग सकते हैं। लखीमपुर खीरी जिले में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर ग्रामीण क्षेत्र पर ज्यादा है। मोहम्मदी में चार फीडर एक दिन पहले से बंद हैं। करीब 200 गांवों की बिजली गुल है। अलीगंज फीडर के 30 गांव प्रभावित हैं। बेहजम और ईसानगर भी बिजली रात भर गुल रही है। लोकल फाल्ट ठीक करने वाला कोई नहीं है। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि जिले में व्यवस्थाएं ठीक चल रही हैं। अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मुरादाबाद मंडल के अधिकांश हिस्सों में आपूत्ति लड़खड़ाई रही। इससे उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बिजली कर्मचारियों का विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है, लेकिन अभी तक कहीं किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मुरादाबाद में शहर के विभिन्न इलाकों में बिजली आपूर्ति देर रात से ठप रही। शहर के पांच बिजली घर ब्रेकडाउन हुए, जिसमें से चार को सही करा दिया गया है, एक पर टीम कार्य कर रही है। आपूर्ति बाधित होने से नाराज शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्थानीय लोगों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। रामपुर के 50 फीसदी इलाके अभी अंधेरे में डूबे हैं। प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी जिले की बिजली व्यवस्था बहाल नहीं हो पा रही है। अमरोहा में शहर में गुलड़िया, दाउद सराय, उपखंड-1 व दो समेत चारों फीडरों पर सप्लाई बंद होने फीडरों से जुड़े बिजलीघरों पर भी सप्लाई बाधित रही। शहरी इलाकों में रात तीन बजे से दोपहर चार बजे तक करीब 13 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में भी आठ से दस घंटे बिजली की आपूर्ति बाधित रही। बिजली ठप रहने के दौरान लोगों को पेयजल की परेशानी उठानी पड़ी। प्रशासन के हस्तक्षेप पर शाम चार बजे सप्लाई चालू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। संभल में बिजलीघर स्थित अधिकारियों के कार्यालयों पर ताले लटके रहे। बिजलीघरों पर पुलिस बल तैनात रहा। बिजली व्यवस्था पूरी तरह से सुचारु रही। उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की दिक्क्त नहीं हुई है।
हड़ताल से वेस्ट यूपी में बिजली ठप
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल और बारिश का पश्चिमांचल में बड़ा असर पड़ा। कुछ इलाकों में चार घंटे से लेकर सात घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित है। बारिश में भी कर्मचारी धरने पर डटे रहे। पश्चिमांचल में 5314 तथा मेरठ में 477 फाल्ट और ब्रेकडाउन के कारण बिजली आपूर्ति ठप हुई तो लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। पश्चिमांचल में हड़ताल में शामिल 60 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करते हुए नोटिस जारी कर दिए। एमडी पीवीवीएनएल चैत्रा वी. कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। दूसरी ओर, ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर शनिवार शाम को ऊर्जा भवन पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की। आंदोलनकारी तिलक लगाए और माला पहने बैठे हैं। नेताओं ने कहा कि यदि कार्रवाई होती है तो वे जेल जाने को भी तैयार हैंं।
गोरखपुर जोन में 205 कर्मचारी बर्खास्त
कुशीनगर में एक्सईएन ट्रांसमिशन देवेंद्र कुमार सिंह समेत तीन पर एस्मा का मुकदमा दर्ज हुआ है। महराजगंज में 11 संविदा लाइनमैन बर्खास्त किए गए हैं, जबकि 16 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। गोरखपुर-बस्ती मंडल के करीब 2200 गांवों की बिजली और पांच सौ से ज्यादा गांवों में जलापूर्ति ठप है। आधा दर्जन जगहों पर लोगों ने जाम लगाया तो प्रशासन ने समझा कर शांत कराया
महराजगंज में जिला अस्पताल की आपूर्ति बंद करने के प्रयास में दो को गिरफ्तार किया गया है।
गीडा में बिजली की आपूर्ति 31 घंटे ठप रही जिससे करीब 100 करोड़ का उत्पादन प्रभावित हुआ है। बरेली में हड़ताल में शामिल 11 संविदा कर्मचारियों पर गाज गिरी है। सभी की सेवा समाप्त कर दी गई है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के निर्देश बाद बिजली विभाग ने कार्रवाई की है। जिले में 100 से ज्यादा कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की गई है।
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