नई दिल्ली। मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था. जिस मोबाइल फोन से यह वीडियो रिकॉर्ड किया गया था, वह बरामद हो गया है. इतना ही नहीं, पुलिस ने यह मोबाइल फोन सीबीआई को सौंप दिया है. एजेंसियों के मुताबिक ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जिस फोन से यह घृणित वीडियो लीक किया गया था, उसकी जांच होने के बाद सिलसिलेवार घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा. ये केस को सीबीआई को सौंपा जा रहा है. इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई मणिपुर के बाहर असम में होगी.
मणिपुर में पिछले कई साल से भारत और म्यामांर के बॉर्डर में ये समझौता है कि दोनों देशों के लोग 40 किलोमीटर तक बे-रोकटोक आ सकते हैं. ऐसे में अगर म्यामांर से आकर भविष्य में हिंदुस्तान का अवैध नागरिक न बन जाए, इसके लिए सरकार निगेटिव बायोमीट्रिक स्कैन करेगी. इसके तहत जो भी आएगा, उसका बायोमीट्रिक स्कैन होगा. ये आधार के रिकॉर्ड से लिंक किया जाएगा, ताकि ऐसे लोग भारत के फर्जी नागरिक न बन जाएं. सरकार ने आदेश दिए हैं जल्द से जल्द भारत और म्यामांर बॉर्डर पर कंटीले तार लगाए जाएं. इसके तहत मणिपुर और म्यांमार बॉर्डर पर 10 किलोमीटर के दायरे में फेंसिंग की गई है.
सूत्रों के मुताबिक 18 जुलाई के बाद मणिपुर में हिंसा की किसी घटना में कोई मौत नहीं हुई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जातीय हिंसा में अब तक 150 मौतें हो चुकी हैं. 502 लोग घायल हुए हैं. 6065 FIR दर्ज की गई हैं. 361 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. अस्थायी राहत आश्रयों में रहने वाले लोगों के लिए 209 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. मणिपुर में अब तक 101 करोड़ रुपये की राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है.
19 जुलाई को मणिपुर का घृणित वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दो महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है. उन्होंने संसद परिसर में कहा कि मैं लोकतंत्र के इस मंदिर के सामने खड़ा हूं तो मेरा दिल पीड़ा और गुस्से से भरा हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी शक्ति और दृढ़ता से काम करेगा. मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है.