लखनऊ। ज्ञानवापी विवाद पर पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को यदि मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा।भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वह देखे ना। आखिर मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखे हैं ना। वहां ज्योतिर्लिंग और देव प्रतिमाएं हैं। दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं? सीएम ने कहा कि इस मामले में समाधान का प्रस्ताव मुस्लिम समाज की ओर से आना चाहिए।
एएनआई पॉडकास्ट पर एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहना सही नहीं होगा। वहां सनातन साक्ष्य मौजूद हैं। ज्ञानवापी की दीवारों पर कई सबूत हैं। मुझे लगता है जो ऐतिहासिक गलती हुई है उसको सुधारने के लिए मुस्लिम समाज की ओर से ही पहल होनी चाहिए। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखा ना। वहां ज्योर्तिलिंग है, देव प्रतिमाएं हैं। त्रिशूल वहां क्या कर रहा है। मुस्लिम समाज को आगे आना चाहिए और उन्हें यह पहल करनी चाहिए कि इस समस्या का समाधान हो।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले छह वर्षों से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। 2017 से यहां कोई दंगा नहीं हुआ। बड़ी-बड़ी बात करने वाले जरा देखें कि यूपी में कैसे विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव हुए हैं। लोगों को देखना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान कैसी हिंसा हुई। 1990 में जो कश्मीर में हुआ था उस पर कोई कुछ नहीं बोला। ये दोहरा दृष्टिकोण क्यों है। पश्चिम बंगाल में भी पंचायत चुनाव हुए, क्या हाल हुआ। कैसे वहां विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं को मारा गया। ये स्थितियां आंखें खोलने वाली हैं। इस मसले पर कोई बोलता तक नहीं है। कुछ लोग सत्ता में आकर सत्ता को अपनी मुट्ठी में कैद करना चाहते हैं।’
सीएम योगी बोले कि हम ज्ञानवापी विवाद का समाधान चाहते हैं। वहां देव प्रतिमाएं हैं। ये प्रतिमाएं हिंदुओं ने तो नहीं रखी हैं। ज्ञानवापी यदि मस्जिद है तो वहां त्रिशूल क्या कर रहा है? सीएम ने दावा किया कि ज्ञानवापी की दीवारें चीख-चीखकर गवाही दे रही हैं। हमें वहां की स्थिति को दिखा रही हैं। ज्ञानवापी के मामले में ऐतिहासिक गलती हुई है। इसे मस्जिद कहना गलत होगा। बता दें कि ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे केस में इलाहाबाद हाईकार्ट से तीन अगस्त को फैसला आने वाला है। इस फैसले से पहले सीएम योगी के बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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