Friday , November 22 2024

नूंह हिंसा के बाद फिर बृजमंडल यात्रा निकालने की तैयारी, पलवल में हुई हिंदू महापंचायत में फैसला

नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई थी (फाइल फोटो)नई दिल्ली। हरियाणा के नूंह में फिर से बृजमंडल यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है. ये फैसला पलवल में हुई हिंदू महापंचायत में लिया गया है. महापंचायत में कहा गया कि इसी महीने 28 अगस्त को दोबारा से बृजमंडल यात्रा निकाली जाएगी. हालांकि यात्रा की तारीख आगे पीछे भी हो सकती है. नूंह में पिछले महीने की आखिरी तारीख यानी 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा के दौरान भारी हिंसा हुई थी. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी.

हिंदू महापंचायत में कहा गया है कि  नूंह हिंसा की जांच NIA से करवाई जाए. जो हिंसा में मारे गए उनको 1 करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी दी जाए. जो घायल हुए हैं उनके परिवार को 50 लाख दिया जाए. दंगे में जिसका नुकसान हुआ, उसका सर्वे करके उनको मुआवजा मिले. अवैध घुसपैठियों को प्रदेश से बाहर किया जाए, बांग्लदेशी और रोहिंग्या को बाहर भेजा जाए. नूंह जिले या आसपास के गांव के लोगों को आर्म्स लाइसेंस दिया जाए. इलाके में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी, मेवात में हेड क्वार्टर बनाया जाए.जिन्होंने दंगा किया है, उनकी पहचान हो. साथ ही उनके घर की कुर्की की जाए.

बता दें कि पलवल में हिंदू महापंचायत को विश्व हिंदू परिषद की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा को फिर से शुरू करने की तैयारियों पर चर्चा करने की अनुमति दी गई थी. पलवल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा कि कई शर्तों पर अनुमति दी गई है. घृणास्पद भाषण निषिद्ध है. हमारी टीम हर व्यक्ति पर नजर रखेगी और किसी भी गलत हरकत पर लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

महापंचायत में हरियाणा गौ रक्षक दल के आचार्य आज़ाद शास्त्री ने इसे “करो या मरो की स्थिति” कहा और युवाओं से हथियार उठाने के लिए कहा. शास्त्री ने कहा कि हमें तुरंत मेवात में 100 हथियारों का लाइसेंस लेना चाहिए, बंदूकों का नहीं, बल्कि राइफलों का, क्योंकि राइफलें लंबी दूरी तक फायरिंग कर सकती हैं. यह करो या मरो की स्थिति है. इस देश का विभाजन हिंदू और मुसलमानों के आधार पर हुआ था. उन्होंने युवाओं से एफआईआर से न डरने को भी कहा. हमें FIR से डरना नहीं है. मेरे खिलाफ भी FIR हैं, लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch