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देवरिया हत्याकांडः गांव में इकलौता ब्राह्मण परिवार था, गरीबी में दिन काट रहा था सत्य प्रकाश दुबे का परिवार

deoria hatyakand satya prakash dubey only brahmin family in village spending days in povertyदेवरिया/लखनऊ। सत्य प्रकाश दुबे के तीन बेटे और तीन बेटियां थी। घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। बड़ी बेटी निशा की उन्होंने शादी कर दी है। मझली बेटी सलोनी निजी विद्यालय में पढ़ती थी। छोटी बेटी नंदिनी और बेटा गांधी भी पढ़ाई कर रहे थे। एक बेटा देवेश पूजा-पाठ करने का काम करता है। सबसे छोटा बेटा अनमोल 8 वर्ष का है। पूरा परिवार तीन कमरों के एक घर में रहता है, जिसमें कोई दरवाजा भी नहीं है। घटना के समय सत्य प्रकाश दुबे का बड़ा बेटा देवेश देवरिया शहर में किसी के यहां श्राद्ध कर्म करने गया था। इसकी वजह से उसकी जान बच गई।

यादव बाहुल्य इस गांव में हमलावरों ने लगभग आधे घंटे तक तांडव मचाया, मगर गांव का कोई भी शख्स दुबे परिवार की मदद करने नहीं आया। गांव में सत्य प्रकाश दुबे का एकमात्र ब्राह्मण परिवार रहता है। इसके अलावा एक परिवार श्रीवास्तव का है कुछ केवट जाति के लोग हैं। बाकी पूरी बस्ती यादव बिरादरी की है। इसके अलावा अगल-बगल के गांवों में भी यादव जाति के लोगों की ही बहुलता है।

अफसरों की दौड़, गांव में दहशत
जमीनी विवाद को लेकर हुए नरसंहार के बाद गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। पुलिस और प्रशासनिक अफसर गांव में कैंप किए हैं। गांव में पीएसी व पुलिस तैनात कर दी गई है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजी ला ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, गोरखपुर जोन के एडीजी अखिल कुमार गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह, एसपी संकल्प शर्मा सुबह से ही गांव में कैंप किए हैं।

पहले डंडों से पीटा फिर गला रेता
जमीन के विवाद में एक के बदले हुई पांच हत्याओं में सत्य प्रकाश दुबे का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। हमलावरों पर इस कदर खून सवार था कि उन्हें बच्चों पर भी तरस नहीं आई। ग्रामीणों के मुताबिक आक्रोशित भीड़ ने सत्य प्रकाश दुबे के घर की महिलाओं और बच्चों को पहले डंडों से पिटा फिर गला रेता और उसके बाद में गोली भी मारी।

जान की भीख मांगते रहे मासूम
ग्रामीणों की माने तो हमलावरों की भीड़ जब सत्यप्रकाश के दरवाजे पर पहुंची तो सत्यप्रकाश दुबे की पत्नी हाथ जोड़ कर आगे खड़ी हो गई। मगर हमलावरों ने उसकी लाठी और गोली मारकर हत्या कर दी। दंपती की हत्या के बाद सबसे छोटा अनमोल घर में जाकर कोने में छिप गया। बेटी सलोनी, नंदनी व बेटा गांधी हाथ जोड़कर जान की भीख मांगने लगे। मगर हमलावरों ने सभी को मौत के घाट उतार दिया। अनमोल को भी उन लोगों ने मरा समझ लिया था लेकिन वह अस्पताल में भर्ती है।

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