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मदरसों की विदेशी फंडिंग में गड़बड़ी पर वक्र हुई योगी सरकार की दृष्टि: एक-एक पाई का हिसाब लगाने के लिए बनाई गई SIT, धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों में जा रहे पैसे?

उत्तर प्रदेश मदरसाउत्तर प्रदेश में विदेशों से फंड लेकर अवैध गतिविधियों का संचालन करने और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले मदरसों पर योगी सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इन मदरसों को मिलने वाली फंडिंग की जाँच के लिए एक विशेष जाँच टीम (SIT) का गठन किया है।

यह SIT इस बात की जाँच करेगी कि जिन मदरसों को विदेशों से फंड मिल रहा है वह उसका उपयोग कैसे कर रहे हैं और कितने अवैध मदरसे अब भी चल रहे हैं। प्रदेश में अवैध मदरसों की पहचान के लिए बीते दिनों एक सर्वे करवाया था। इस सर्वे से सामने आया था कि प्रदेश के भीतर 16,513 मान्यता प्राप्त जबकि 8500 अवैध मदरसे चल रहे हैं। अवैध मदरसों के ऊपर विदेशों से फंड लेने का आरोप लगा था। इस फंडिंग की जाँच अब एडीजी मोहित अग्रवाल वाली SIT करेगी।

विदेशों से फंड लेने में उत्तर प्रदेश के तराई जिलों में बने मदरसों का नाम सबसे आगे है। यह मदरसे नेपाल की सीमा पर बने हुए हैं। इनकी संख्या भी तेजी से बढ़ी है। इन मदरसों के विरुद्ध पहले भी शिकायतें मिल चुकी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत – नेपाल सीमा पर 1500 से अधिक अवैध मदरसे पाए गए थे जिनके विदेशी फंडिंग लेने की आशंका जताई गई थी। यह मदरसे कैसे फंडिंग ले रहे थे उर इनका संचालन कैसे हो रह था इसकी जांच की भी कवायद की गई थी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जैसे जिलों की सीमा नेपाल से लगती है। यह सीमा पूरी तौर से खुली हुई है और केवल पिलर के माध्यम से अलग की गई है। कई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इस इलाके में नो मेंस लैंड पर भी मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है जो कि चिंता का विषय है। इसी इलाके में मदरसे भी बड़ी संख्या में खोले गए हैं। नवगठित टीम इनकी ही जाँच करेगी।

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