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कोर्ट के बाद अब ‘बाबा’ ने आज़म को दिया जोर का झटका, जौहर ट्रस्‍ट से वापस ली जमीन

आजम खान को बड़ा झटका, योगी सरकार ने जौहर ट्रस्‍ट से वापस ली जमीन, कैबिनेट ने लगाई फैसले पर मुहरलखनऊ। बेटे के दो जन्‍म प्रमाण पत्र मामले में सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद सलाखों के पीछे पहुंचे सपा के वरिष्‍ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को सीएम योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में जौहर ट्रस्‍ट (Jauhar Trust) से जमीन वापस लेने का निर्णय लिया गया है। शिक्षा विभाग की 41181 वर्गफुट की यह जमीन जौहर ट्रस्‍ट को 100 रुपए सालाना किराए पर 30 साल के लीज पर दी गई थी।

इधर, आजम खान की मुश्किलें लगातार बढ़ी हुई हैं। बेटे अब्‍दुल्‍ला आजम के दो जन्‍म प्रमाण पत्र मामले में पत्‍नी और बेटे संग सात साल की सजा सुनाए के बाद आजम फिलहाल सलाखों के पीछे हैं। इधर, जौहर ट्रस्‍ट में अनियमितताओं को लेकर उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उधर, जाने-माने ठेकेदार फरहत अली से आजम खान के रिश्‍तों को लेकर आयकर विभाग ने भी शिकंजा कस दिया है।

आयकर को आशंका है कि इस चंदे में कर चोरी का बड़ा खेल हुआ है। इसी को लेकर आयकर अफसरान कड़ी से कड़ी जोड़ रहे हैं। इस क्रम में पहले आजम खां के घर छापामारी की गई, जौहर विवि में छापा मारा गया और 27 अक्तूबर को आजम खां के करीबी ठेकेदारों के यहां छापामारी की गई। इस दौरान गायत्रीपुरम निवासी बड़े ठेकेदार फरहत खां का नाम भी सामने आया।

34 घंटे तक चली थी छापेमारी की कार्रवाई
रामपुर के ठेकेदारों के यहां आयकर की छापामारी करीब 34 घंटे तक हुई थी। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे तीन मुख्य वजह हैं। जिन पर आयकर अधिकारियों ने सवाल जवाब किए थे। दरअसल सपा सरकार में जौहर विवि के निर्माण के दौरान जौहर ट्रस्ट को चंदा दिया गया था। तमाम बड़े ठेकेदारों ने ट्रस्ट को मोटा चंदा दिया था। वहीं तमाम ठेकेदार ऐसे हैं, जिन्होंने जौहर विवि में सिविल कंस्ट्रक्शन का काम किया था। कुछ ठेकेदार ऐसे भी हैं, जिन्होंने सरकारी दस्तावेजों में कहीं दूसरी जगह सड़क निर्माण का ठेका लिया लेकिन, हकीकत में निर्माण कार्य जौहर विवि में कराया। इसलिए ठेकेदार आयकर के रडार पर आए हैं और छापामारी की।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां से जुड़े जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के चार मामलों में सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के चार मामलों में भी सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगली तारीख 16 व 17 नवंबर निर्धारित की है। मालूम हो कि आलियागंज के किसानों ने सपा नेता आजम खां समेत कई लोगों पर उनकी जमीन का जबरन बैनामा कराकर कब्जा करने के 27 मुकदमें अजीमनगर थाने में दर्ज कराए थे। ये सभी मामले विचाराधीन हैं। वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने के चलते सोमवार को इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। दूसरी ओर यतीमखाना बस्ती को खाली कराने के चार मामलों की सुनवाई अब सात नवंबर को होगी।

फरहत बोले-हमारा रिकार्ड मेंटेन है
ठेकेदार फरहत अली खां ने बताया कि उनसे आयकर अधिकारियों ने सवाल-जवाब किए कि जौहर ट्रस्ट को कितना चंदा दिया है, यूनिवर्सिटी में कितना काम कराया है। हमने बताया कि कोई चंदा नहीं दिया। सारे ठेके ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से होते हैं। कुछ भी गलत नहीं हुआ है। जिस पर उन्होने रिकार्ड खंगाला। चूंकि, पुराना रिकार्ड हो गया, लिहाजा कुछ गायब भी हो गया होगा। हालांकि, हमने बताया कि जो भी हमारा काम है, सब नंबर-एक में है। हर चीज का रिकार्ड मेंटेन है। इसके बाद आयकर टीम कुछ दस्तावेज अपने साथ ले गई है।

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