सीमित ओवरों की सीरीज के बाद टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ अब पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए तैयार है. बुधवार को एजबेस्टन मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच पहला मुकाबला शुरू होगा. लेकिन ये सीरीज कप्तान विराट कोहली के लिए उनके करियर का संभवत: सबसे बड़ा इम्तिहान होगी. क्योंकि पिछले पांच सालों में भारत ने एशिया के बाहर छह में से केवल एक सीरीज जीती है और वो भी संघर्ष कर रही वेस्टइंडीज के खिलाफ. भारत का इंग्लैंड के खिलाफ उसके घर में ओवरऑल टेस्ट रिकॉर्ड भी कोई प्रेरणादायक नहीं है. मेजबान का यह 1000वां टेस्ट होगा, लेकिन भारत के इतने खराब रिकॉर्ड के बावजूद माना जा रहा है कि पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में भारतीय टीम की अगुआई कर रहे विराट कोहली की नंबर एक भारतीय टीम उसके रंग में भंग डाल सकती है.
इंग्लैंड में 2007 में जीती थी आखिरी टेस्ट सीरीज
भारत ने आखिरी बार राहुल द्रविड़ की अगुआई में 2007 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी. विराट कोहली की टीम के लिए उस सफलता को दोहरा पाना आसान नहीं होगा. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम 2011 और 2014 में क्रमश: 0-4 और 1-3 से हारी. भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में 57 टेस्ट में से केवल छह जीते हैं और 2007 के अलावा महज दो बार सीरीज 1971 और 1986 में अपने नाम करने में सफल रहा है. भारतीय टीम ने यहां छह में से तीन जीत 2002 के बाद दर्ज की हैं. भारत के सहायक कोच संजय बांगड़ उस टेस्ट टीम का हिस्सा थे जिसने सौरव गांगुली की अगुआई में लीड्स पर जीत दर्ज की थी. विकेटकीपर दिनेश कार्तिक 2007 की टीम में थे. कप्तान विराट कोहली 2011 में और तेज गेंदबाज इशांत शर्मा 2014 में यहां दौरा कर चुके हैं.
इंग्लैंड के लिए उसकी पिछली फॉर्म भी चिंता का सबब
हालांकि इंग्लैंड के लिए उसकी पिछली फॉर्म भी चिंता का सबब है. सितंबर 2017 के बाद से इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ नौ में से एक ही टेस्ट जीता है. पिछले पांच घरेलू टेस्ट में उसे वेस्टइंडीज और पाकिस्तान ने हराया. दोनों टीमों ने बल्लेबाजी में जो रूट, जॉनी बेयरस्टो और एलिस्टेयर कुक पर उसकी अत्यधिक निर्भरता का फायदा उठाया.
केएल राहुल को करना होगा अपने मौके का इंतजार
भारत को अगर इंग्लैंड की कमजोरियों का लाभ उठाना है तो उसे साउथ अफ्रीका दौरे की की गई गलतियों से बचना होगा. उस समय टीम प्रबंधन ने अजिंक्य रहाणे पर रोहित शर्मा को तरजीह दी थी. इस बार केएल राहुल भी चयन के दावेदार हैं, लेकिन कोहली और कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि तीसरे सलामी बल्लेबाज के तौर पर राहुल को अपने मौके का इंतजार करना होगा. राहुल ने एसेक्स के खिलाफ 58 और दूसरी पारी में नाबाद 36 रन बनाए थे.
शिखर और चेतेश्वर हैं आउट ऑफ फॉर्म
दूसरी ओर शिखर धवन दोनों पारियों में चार ही गेंद तक टिक सके. चार साल पहले वह उछाल लेती ड्यूक गेंद का सामना नहीं कर सके थे और तीन टेस्ट में 122 रन ही बनाए थे. चेतेश्वर पुजारा भी फॉर्म में नहीं हैं. वह यार्कशर के लिए छह काउंटी मैचों में 172 रन ही बना सके. वहीं बेंगलुरु में अफगानिस्तान के खिलाफ सिर्फ 35 रन बनाए थे. चेम्सफोर्ड में अभ्यास मैच में उन्होंने एक और 23 रन बनाए.
स्पिनरों के चयन को लेकर दुविधा
गेंदबाजी में आर अश्विन और इशांत के पास काउंटी का अनुभव है. ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय गेंदबाजों की तैयारी इस बार बेहतर है. भारत के सामने दुविधा अश्विन और बाकी स्पिनरों के चयन की होगी. गर्मियों के बाद अब यहां ठंडी हवाएं बह रही हैं. शनिवार से मंगलवार तक यहां भारी बारिश हुई है. बुधवार को मैच के समय तक मैदान सूख जाएगा, लेकिन पिच पर नमी बनी रहेगी.
मैदानकर्मियों ने आउटफील्ड पर काफी पानी डाला है और बारिश से नमी भी बनी हुई है. ऐसे में कोहली एक स्पिनर को उतारेंगे और अनुभव के आधार पर अश्विन का पलड़ा कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा पर भारी रहेगा.
कुलदीप की काट निकलने में जुटी है मेजबान टीम
इंग्लैंड टीम पहले टेस्ट में कुलदीप का सामना करने की तैयारी में जुटी है. जो रूट को छोड़कर उनका मौजूदा शीर्ष क्रम कुलदीप यादव का सामना नहीं कर सका है. गेंदबाजी में देखना यह है कि आदिल रशीद को मोइन अली पर तरजीह मिलती है या नहीं. तेज गेंदबाज जैमी पोर्टर को भी उतारा जा सकता है.
टीमें : भारत : विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, दिनेश कार्तिक, ऋषभ पंत, करुण नायर, हार्दिक पांड्या, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, इशांत शर्मा, उमेश यादव, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह.
इंग्लैंड : जो रूट (कप्तान), एलिस्टेयर कुक, कीटोन जेनिंग्स, जॉनी बेयरस्टो, जोस बटलर, बेन स्टोक्स, डेविड मालान, मोइन अली, आदिल रशीद, जैमी पोर्टर, सैम कुरेन, जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड.