नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने के लिए विपक्षी दलों के बीच व्यापक सहमित बन गई है और प्रधानमंत्री पद के बारे में फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद होगा. पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य बीजेपी विरोधी दलों के बीच भी ‘रणनीतिक समझ’ बन गई है. उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में ‘सही से’ गठबंधन हो गया तो बीजेपी सत्ता में नहीं लौटने वाली है.
सूत्रों ने बताया कि रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव लड़ेगी या नहीं इसका फैसला खुद यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. इस संबंध में अभी पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष के बीच बात नहीं हुई है. अगर सोनिया चुनाव नहीं लड़तीं तो प्रियंका के चुनाव लड़ने से भी इनकार नहीं किया जा सकता. कांग्रेस का दावा है कि अगले आम चुनाव में कांग्रेस नरेंद्र मोदी को सरकार से बाहर कर देगी. अगर बीजेपी को 230 सीटों से कम मिलती हैं तो नरेंद्र मोदी किसी सूरत में प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे.
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करने के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस फिलहाल दो चरणों में काम कर रही है. पहला चरण सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाकर बीजेपी और नरेंद्र मोदी को हराने का है. दूसरा चरण चुनाव परिणाम का है जिसके बाद दूसरे बिंदुओं पर बात होगी. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री पद को लेकर चुनाव से पहले बातचीत करना ‘विभाजनकारी’ होगा.
उन्होंने कहा कि सारे विपक्षी दलों में यह व्यापक सहमति बन चुकी है कि सभी को मिलकर बीजेपी और आरएसएस को हराना है. उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के सवाल पर कांग्रेस के सूत्रों ने कहा, ‘‘बातचीत चल रही है, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि गठबंधन को लेकर रणनीतिक सहमति बन गई है.”
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में सही से गठबंधन हो गया तो बीजेपी की 120 सीटें अपने आप कम हो जाएंगी और उत्तर प्रदेश में तो सत्तारूढ़ पार्टी पांच सीटों पर सिमट जाएगी.” कांग्रेस सूत्रों ने यह भी दावा कि आगामी लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में पार्टी की लोकसभा सीटों में काफी इजाफा होगा.