कोहिमा। नगालैंड की पारंपरिक टोपी को ‘विचित्र’ बताने वाली कांग्रेस नेता शशि थरूर की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने गंभीर आपत्ति जतायी है. थरूर का नाम लिये बगैर मुख्यमंत्री ने बयान के लिए माफी मांगने और उसे वापस लेने की मांग की. रियो ने ट्वीट किया, ‘नगाओं का समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति है. हमें अपने इतिहास और परंपराओं पर गर्व है. नगा टोपी के बारे में सभी जानते हैं. यह विचित्र नहीं है. परस्पर सम्मान भारत को महान देश बनाता है. भावनाओं को आहत करने वाले बयान के लिए वह माफी मांगे और इसे वापस ले.’ रियो नगालैंड में पीपुल्स डेमोक्रेटिक एलायंस के प्रमुख हैं. इस गठबंधन में बीजेपी भी शामिल है.
गौरतलब है कि तिरूवनंतपुरम से सांसद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने यह कहकर नये विवाद को जन्म दे दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपनी यात्राओं के दौरान ‘‘अजीब सी’’ नगा और दूसरी टोपियां पहनते हैं लेकिन मुसलमानों की टोपी पहनने से मना कर देते हैं. बीजेपी ने उनकी टिप्पणी को पूर्वोत्तर के लोगों का अपमान बताया. केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने मांग की कि कांग्रेस थरूर की टिप्पणी के लिए माफी मांगे.
थरूर ने कहा, ‘मैं आपसे पूछता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री देश विदेश में जहां कहीं भी जाते हैं, हर तरह की अजीबो गरीब टोपियां क्यों पहनते हैं? वह मुसलमानों की टोपी पहनने क्यों हमेशा मना कर देते हैं?’ उन्होंने कहा, ‘आप उन्हें पंख लगी नगा टोपियां पहने देखते हैं. आप उन्हें अलग तरह की पोशाकों में देखते हैं जो कि एक प्रधानमंत्री के लिहाज से ठीक है. इंदिरा गांधी भी तस्वीरों में विभिन्न प्रकार की पोशाकों में दिखती थीं. लेकिन मोदी अब भी हमेशा एक खास टोपी को पहनने से क्यों मना कर देते हैं?’
क्या कहा था शशि थरूर ने?
कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी देश और विदेश दौरे पर अलग-अलग तरह की ड्रेस पहन लेते हैं, खासकर वे विभिन्न तरह की पगड़ी पहने लेते हैं, मुस्लिम टोपी पहनने से हमेशा बचते हैं.’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अभी भी एक चीज काम नहीं करते हैं, वह हरे रंग का क्यों नहीं पहनते हैं? मॉब लिंचिंग पर शशि थरूर ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया. कहा कि आज अगर स्वामी विवेकानंद होते तो उनको भी भीड़ नहीं छोड़ती.